जिंदगी के सबसे खास पलों में से एक शादी के पल को आजकल हर कोई यादगार बनाना चाहता है. इसके लिए वह तरह-तरह के तरीके अपनाता है. कोई कार्ड में एक्सपेरिमेंट करता है तो कोई वरमाला के लिए स्टेज में एंट्री के दौरान कुछ अलग करता है. कोई स्पेशल फोटोशूट से अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता है. इसी कड़ी में इन दिनों गुवाहटी के एक वकील का शादी को लेकर भेजा गया कार्ड खूब वायरल हो रहा है. इस कार्ड में हर जगह कानूनी दस्तावेज की झलक दिखती है. सोशल मीडिया पर शादी के इस कार्ड की खूब चर्चा हो रही है.
इस वायरल हो रहे कार्ड में न्यूय के तराजू के दोनों तरफ में दूल्हे और दुल्हन का नाम लिखा है. इसमें बगल में ब्यूटीफुल कोर्ट ऑफ लाइफ भी लिखा है. यह तराजू दोनों की लाफ में समानता को दर्शाने के लिए भी है. कार्ड में हिंदू मैरिज एक्ट 1955 का भी जिक्र किया गया है. इसमें संविधान के अनुच्छेद का भी उल्लेख किया गया है जो दो व्यस्कों के मिलन को मान्यता देता है. कार्ड में लिखा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शादी जीवन के अधिकार का एक महत्वपूर्ण घटक है. इसलिए मैंने अपने इस मौलिक अधिकार को इस्तेमाल करने के लिए 28 नववंबर 2021 की डेट तय की है.
इस कार्ड को लेकर दूल्हे अजय शर्मा का कहना है कि उन्होंने अक्सर देखा है कि लोग शादी के कार्ड को पूरी तरह ठीक से नहीं पढ़ते हैं. वह बस तारीख और वैन्यू देखते हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे लोग अंत तक मेरी शादी के कार्ड को पढ़ें.
अजय बताते हैं कि उन्होंने अपनी शादी के लिए दो तरह के कार्ड छपवाए हैं. एक कानून वाला कार्ड है जो सिर्फ मेरे दोस्त और कोर्ट से जुड़े लोगों के लिए है, जबकि फैमिली के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए दूसरा कार्ड है. कोर्ट वाले कार्ड में मैंने कानून का भी जिक्र किया है, क्योंकि मैं जानता हूं कि इसे जज लोग भी पढ़ेंगे और वे इसे सराहेंगे. साथ ही यह कार्ड उनके चेहरे पर मुस्कान भी लाएगा.
इस तरह के कार्ड के आइडिया पर उनके परिवार वाले भी काफी हैरान थे. जब उन्होंने इस कार्ड के देखा तो मुस्कुराने लगे. इसके बाद जब कार्ड वायरल हो गया तो मेरे पिता जी के पास कई अजनबियों के भी फोन आने लगे. क्योंकि कार्ड पर उनका ही नंबर दर्ज था. हर कोई इस कार्ड के लिए उनकी तारीफ कर रहा था. अजय कहते हैं कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह कार्ड इतना वायरल हो जाएगा.