पुतिन की दो टूक : यूक्रेन के बाद स्वीडन और फिनलैंड को रूस की चेतावनी, नाटो में शामिल हुए तो भुगतना पड़ सकता है भारी अजांम
पुतिन की दो टूक: खबर के मुताबिक रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से स्वीडन और फिनलैंड को चेतावनी दी है कि, वे नाटो में न शामिल हों। अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम बहुत ही बहुत बुरे होंगे । क्रेमलिन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में प्रवेश कर चुकी है और कब्जे की जंग का यह अतिंम चरण है.
रूस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की को सत्ता से बेदखल करने के लिए जंग छेड दी है । खबर है कि, रूस के सैनिक कीव में प्रवेश कर चुके है। इस बीच रूस की ओर से वार्ता के लिए प्रतिनिधमंडल भेजने की भी बात सामने आई है। खबर के मुताबिक जेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए पुतिन जल्द ही अपना भी भेज सकते हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, विदेश मंत्रालय, रक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों सहित एक रूसी राजनयिक प्रतिनिधिमंडल को यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए मिन्स्क भेजा जा सकता है। यह बयान तब आया है जब रूस की ओर से अपील की गई थी कि यूक्रेन अपने हथियार गिराये तो वार्ता कर सकते है। हालांकि, यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को इनंकार कर दिया है.
पुतिन की दो टूक
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि आज की रात बाकी सभी दिनों से कठिन होगी । हमारे देश के कई शहर में भारी हमले हो रहे है। शेरनिहिव, सुमी, खारकीव, डोनबास, देश के दक्षिण में मौजूद शहर भी। लेकिन हम अपनी राजधानी कीव को नही हार सकते है .संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर मतदान किया गया। इसमें रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की अलोचना की गई। इसके साथ ही इस प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर नराजगी जताई है. रुस परअंतरराष्ट्रीय सुरझा को तोडने का आरोप लगा है.
हालांकि, UNSC में भारतीय समयानुसार शनिवार तड़के पेश हुए प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत और चीन ने खुद को वोटिंग से दूर कर लिया। दोनों ने ही दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करने और यूएन चार्टर को महत्ता को बताते हुए बातचीत करने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव यूक्रेन के दोनेस्क और लुहांस्क क्षेत्रों में कुछ को स्वंतत्र बनाने की घोषणा की है .
रिर्पोट -शिवी अग्रवाल