शहीद हुए किसानों के परिवारों को देंगे 25 लाख की सहायता-अखिलेश यादव

0 850

तीन कृषि कानून की वापसी होते ही यूपी सरकार विपक्षी दलों के टारगेट जोन में लगातार बनी हुई है. विपक्षी इसे 2022 के चुनाव में रणनीति की तरह भी इस्तेमाल करते दिखाई दे रहे हैं. इसी बीच बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि उनके सत्ता में आते ही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को 25 लाख की सहायता देंगे.

उन्होंने कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है. हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी.

अखिलेश यादव लगातार बीजेपी सरकार को घेरने में लगे हैं. 19 नवंबर को भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले कानूनों से गरीबों-किसानों को ठगना चाहा. कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए. भाजपा बताए सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी.

आम आदमी पार्टी (आप) के यूपी प्रभारी व राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। आप नेता संजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश को बीजेपी से मुक्त कराने के लिए एक सामान्य मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई है. गठबंधन को लेकर बातचीत तय होगी तो जानकारी दी जाएगी. सीटों को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है. उधर, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस मुलाकात के बाद गठबंधन पर सहमति बनते ही बीजेपी सरकार को खास असर पड़ सकता है.

बता दें, केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिन पहले यानी 19 नवंबर को कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद कानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा. इसके बाद किसान आंदोलन की वजह बने तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.