संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी बवाल, पथराव और आगजनी, 3 लोगों की माैत

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संभल: संभल की शाही जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वेक्षण का कार्य दूसरी बार शुरू हुआ लेकिन इस बीच अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया। घटना में 18 से अधिक पुलिस कर्मी और दो दर्जन लोग चोटिल हो गए। जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में तीन लोगों की माैत की खबर है।

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि पुलिस और एसपी हेलमेट पहने नजर आ रहे हैं और दूसरी तरफ से पत्थरबाजी हो रही है। फिलहाल संभल में हालात तनावपूर्ण हैं। उग्र भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी है। एक अधिकारी ने बताया कि 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है। संभल के SP कृष्ण कुमार ने कहा, “कोर्ट के आदेश के अनुसार, संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया जाना था। सर्वेक्षण के विरोध में कुछ लोग एकत्र हुए और सर्वेक्षण के समय पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने इस पर जवाबी कार्रवाई की। जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी उप-निरीक्षकों की कुछ गाड़ियों को आग लगा दी गई। वर्तमान में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। हर जगह शांति और व्यवस्था कायम है। फिर से ड्यूटी लगाई जा रही है… सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।

संभल में हुए बवाल के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने मुसलमानों से अपील की है कि अमन व शांति को बनाये रखें। तोड़फोड़, पथराव न करें। पैगंबर इस्लाम ने शांति का पैगाम दिया है उस पर अमल करे। मौलाना ने कहा कि संभल की जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है। जामा मस्जिद का मामला सर्वे को लेकर कोर्ट में लंबित है। इसे लेकर कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी।

तनाव फैलने के बाद मौके पर मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज के साथ-साथ बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा को भी वहां भेजा गया है। पुलिस कई लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर पुछताछ कर रही है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत ‘‘एडवोकेट कमिश्नर’’ ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, ‘‘ घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।’’

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लोगों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से एक-दो पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा, ‘‘ हमने पथराव की घटना के सिलसिले में करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।’’ पेसिया ने पत्रकारों से कहा कि उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया और अब उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

संभल में पथराव और आगजनी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ संभल में स्थिति नियंत्रण में है और हम हालात पर नजर रख रहे हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर हैं। जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद के मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया। इससे पहले 19 नवंबर को संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार मंगलवार को सर्वे करने के लिए टीम पहुंची थी।

कोर्ट के आदेश पर संभल की शाही जामा का सर्वे करने टीम पहुंची थी। टीम के दुबारा पहुंचने की सूचना पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। गुस्साई भीड़ ने सर्वे टीम के अंदर जाने के कुछ देर बाद ही उग्र रूप ले लिया और नारेबाजी करते हुए पथराव कर दिया। इस दौरान फायरिंग भी की गई। तनाव और बवाल को बढ़ते देखकर आसपास के जिलों से फोर्स मौके पहुंचे। वहीं, संभल में पथराव और आंसू गैस छोड़ने के बाद हालात बेकाबू हो गए। एक गाड़ी में आग भी लगा दी गई। इस दौरान प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की जा रही है।

संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सार्वजनिक हुए हैं। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सुबह 7.30 से 10 बजे तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई और अब ‘एडवोकेट कमिश्नर’ 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।’’

इसके पहले जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया था कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है। विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।

हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘‘बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था।

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संभल में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक सर्वेक्षण दल के पहुंचने पर पथराव की घटना पर कहा, “न्यायालय के आदेश का पालन करवाना ये सरकार और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। उसका पालन करवाया जाएगा और जो न्यायालय के आदेश के अनुपालन में बाधा डालेंगे उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई होगी।

संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया, “सर्वे पूर्ण हो चुका है और सर्वेक्षण टीम को हमने सुरक्षित अपनी जगह पर पहुंचा दिया है। स्थिति नियंत्रण में है। जो भी शरारती तत्व हैं उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

संभल में पथराव की घटना पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “यह बात किसी से छिपी नहीं है कि सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि हमारे देश में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहाँ हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते। ऐसे इलाकों में लोग शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और शरणार्थियों को फर्जी पहचान पत्र दिए जा रहे हैं…हमारा जो ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का मंत्र हैं उसका महत्व हमें साफ-साफ दिखता है। हमें अपने देश में एकजुट रहना होगा।”

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है। दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि उस स्थान पर हरिहर मंदिर था। स्थानीय प्रशासन के अनुसार विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत एक ‘‘एडवोकेट कमिश्नर’’ ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, ‘‘ घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।’’

उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा, ‘‘ कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया लेकिन स्थिति अब शांतिपूर्ण है और सर्वेक्षण कार्य जारी है।’’ संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सार्वजनिक हुए हैं।

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया था कि अदालत ने कहा है कि वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर कमीशन के माध्यम से अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।

जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है। विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।

हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘‘बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

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