उत्तराखंड (Uttarakhand) में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand assembly elections) होने है और इससे पहले राज्य में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में सेंधमारी शुरू हो गई है. पिछले दिनों ही कांग्रेस को विधायक बीजेपी में शामिल हुए तो कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री को पार्टी में शामिल कराया है. वहां अब राज्य में एक सियासी बैठक को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं. क्योंकि राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह के साथ एक रेस्टोरेंट में मुलाकात हुई. जिसके बाद पहाड़ में सियासी माहौल गर्मा गया है. हालांकि दोनों ही नेता इस बैठक को लेकर पुराने संबंधों का हवाला देकर तूल नहीं देना चाह रहे हैं. लेकिन अब इसके सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. क्योंकि राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि वह बीजेपी से नाराज चल रहे हैं.
असल में राजधानी देहरादून में शुक्रवार को राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की एक रेस्टोरेंट में मुलाकात हुई. जिसके बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. असल में ये बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि पिछले दो महीने के भीतर हरक-प्रीतम की यह तीसरी सीक्रेट मीटिंग है और हमेशा से ही दोनों नेता इसे शिष्टाचार मुलाकात बता रहे हैं.
असल में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के दौरान प्रीतम इसी तरह सक्रिय थे और प्रीतम से मुलाकात के कुछ ही दिनों के बाद ही यशपाल आर्य ने दिल्ली में कांग्रेस में वापसी की थी और अब वह बीजेपी के खिलाफ आक्रामक प्रचार कर रहे हैं. राज्य में बीजेपी ने 2017 से पहले कांग्रेस में बड़ी सेंध लगाई थी और उसके कई विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल किया था. वहीं 2017 के विधानसभा में बीजेपी ने कांग्रेस के बागियों के सहयोग से बड़ी जीत दर्ज की थी.
वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि हरक सिंह जी राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं और मेरे पास क्षेत्र के विकास और स्थानीय लोगों की समस्याओं से जुड़े कुछ मामले थे. इसलिए उनसे चर्चा करने और दस्तावेज देने आया हूं. मुझे पता चला कि हरक सिंह जी रेस्टोरेंट में हैं, इसलिए मैं यहां आया था. लिहाजा इसके सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. क्योंकि राजनीति में इस तरह की मुलाकात होती रहती हैं.