सोनभद्र: सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए 10 वर्ष पूर्व हुए धनेसरी हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिसुन गोड़ को 10 वर्ष की कैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के बघमनवा बिल्ली मारकुंडी गांव निवासी रामदेव गोड़ पुत्र समरत ने 28 नवंबर 2012 को ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका सगा भाई रामकिसुन गोड़ हाथ में कुल्हाड़ी लेकर 6:30 बजे आया और आग ताप रही बुआ धनेसरी देवी को भूत करने का आरोप लगाते हुए कई वार कर दिया, जिससे वह खून से लथपथ हो गई। तत्काल बुआ को चोपन सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां से गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
दवा-इलाज के दौरान बुआ धनेसरी देवी की मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिसुन गोड़ को 10 वर्ष की कैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।