कराची: पाकिस्तानी जलक्षेत्र (Pakistani waters) में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में कराची की एक जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों (Indian fishermen) को पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने रिहा कर दिया और उन्हें वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। मछुआरों को बृहस्पतिवार शाम में कराची की मलीर जेल से रिहा किया गया। मलीर जेल अधीक्षक नजीर तुनियो ने बताया कि उन्होंने जेल में बंद भारतीय मछुआरों के पहले जत्थे को रिहा कर दिया है तथा मछुआरों के दो अन्य जत्थों को जून और जुलाई में रिहा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हमने जेल में बंद 198 मछुआरों को बृहस्पतिवार को रिहा कर दिया जबकि 200 और 100 मछुआरों को बाद में रिहा किया जाएगा।” तुनियो ने कहा कि मलीर जेल से बृहस्पतिवार को 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाना था लेकिन उनमें से दो मछुआरों की बीमारी के कारण मौत हो गई।
दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने नौ मई को अपनी गिरफ्तारी के लिए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया है और यहां की एक अदालत में उनकी नाटकीय गिरफ्तारी के बाद देश भर में हो रही हिंसा से खुद को किनारे कर लिया है। ‘द डॉन’ समाचार पत्र में शनिवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, खान ने शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर में मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान ये विचार व्यक्त किए।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में दो सप्ताह के लिए सुरक्षात्मक जमानत देते हुए सोमवार तक देश में कहीं भी दर्ज किसी भी मामले में उन्हें गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी। आईएचसी की तीन अलग-अलग पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 70-वर्षीय प्रमुख को राहत दी, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत ले जाया गया था।