नई दिल्ली। 1983 बैच की वरिष्ठ IAS अधिकारी प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की नई अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा और सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली में सुधार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रीति पूर्व स्वास्थ्य सचिव रही हैं। वह 2022 से UPSC की सदस्य हैं। प्रीति आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी हैं। वो खाद्य प्रसंस्करण और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन विभाग की सचिव रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने महिला और बाल विकास विभाग और रक्षा मंत्रालय में भी काम किया है। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत का क्रेडिट जाता है। वो अप्रैल 2025 तक इस पद पर बनी रहेंगी।
20 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। डॉ. मनोज सोनी ने अपने इस्तीफे की आधिकारिक वजह सार्वजनिक नहीं की है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि व्यक्तिगत कारणों की वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया था।
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता ह.ये भी कहा जाता है कि मोदी ने ही 2005 में सोनी को वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था। जिस समय उनकी नियुक्ति हुई थी, उस समय सोनी की उम्र केवल 40 साल थी। संघ लोकसेवा आयोग में शामिल होने से पहले सोनी ने गुजरात में दो यूनिवर्सिटीज में तीन कार्यकालों के लिए कुलपति के रूप में कार्य किया।
मनोज सोनी की नियुक्ति पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाया था। सोनी के UPSC चेयरमैन बनने राहुल ने इसे संविधान पर चोट बताया था। उन्होंने सोनी को RSS का करीबी बताया था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि मनोज सोनी के अध्यक्ष बनने का मतलब है कि यूपीएससी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की जगह यूनियन प्रचारक संघ कमीशन बन जाएगा।