नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची में जुमे की नमाज के बाद भीड़ द्वारा की गई हिंसा और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित विवादास्पद टिप्पणी पर उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस की कार्रवाई घटना में घायल हुए दो दर्जन लोगों में से दो देर रात लोगों की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव पैदा हो गया, जिसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है.
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने बताया कि शुक्रवार की हिंसा में घायल हुए और पुलिस द्वारा इस पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई में दो लोगों की बीती रात मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि दोनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम और उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है. होमकर के मुताबिक शुक्रवार रात से राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित और शांतिपूर्ण है. हालांकि एहतियात के तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा-144 लगाकर निषेधाज्ञा लागू की जा रही है, ताकि हिंसा व उपद्रव से बचा जा सके.
उन्होंने कहा कि रांची के हिंसा प्रभावित मेन रोड इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियों को तैनात किया गया है, जबकि आसपास के संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 3,000 सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है. होमकर के मुताबिक, आम लोगों में विश्वास जगाने के लिए शनिवार सुबह से दो बार रैपिड एक्शन फोर्स और अन्य अर्धसैनिक बलों के फ्लैग मार्च मुख्य सड़क और आसपास की गलियों में निकाले गए. इस बीच, राज्य के गृह मंत्रालय ने अफवाहों पर काबू पाने के लिए रांची में शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने की अधिसूचना जारी की थी, जिसे तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.
होमकर ने कहा कि शुक्रवार की हिंसा में 11 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ को गोली भी लगी है। गोली लगने से घायल हुए दो लोगों की मौत होने की खबर है, जिसमें हिंदपीढ़ी क्षेत्र के लेक रोड निवासी 22 वर्षीय मुदस्सिर उर्फ कैफी और लोअर बाजार तारबाला रोड निवासी 24 वर्षीय साहिल शामिल हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच दोनों मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है. रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि शहर के सभी 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. उन्होंने सभी से अपील की कि जब तक बहुत जरूरी न हो अपने घरों से बाहर न निकलें और शांति व्यवस्था बनाए रखें।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को प्रशासन ने रांची की मुख्य सड़क और उसके आसपास 500 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी. राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हुई हिंसा की निंदा की. उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात की और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लोगों से किसी भी साजिश का हिस्सा नहीं बनने और शांति बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची हिंसा को राज्य सरकार की विफलता करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया, राजधानी रांची के मुख्य मार्ग में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं. सरकार वोट बैंक की राजनीति छोड़कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी। वहीं, रांची के सांसद संजय सेठ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने गड़बड़ी की आशंका और उपद्रवियों की गतिविधियों के बावजूद स्थिति से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा. सेठ ने कहा कि जिन बदमाशों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और संकट मोचन मंदिर पर हमला किया है, उनकी संपत्ति जब्त कर उन पर बुलडोजर चलाए जाएं. सेठ ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो दंगाइयों का मन बढ़ना तय है.