रोज 30 मिनट की एक्सरसाइज से कम निराश होती हैं महिलाएं

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मानसिक स्वास्थ्य की परेशानियों से जूझ रहे लोगों में एक्सरसाइज करने से निराशा की भावना कम होती है। साइकियाट्रिक रिसर्च में प्रकाशित एक शोध में मानसिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे लोगों ने रोज 30 मिनट कसरत की जिससे इन लोगों में अवसाद कम हुआ। साथ ही आत्महत्या के विचार भी नहीं आए।

खुदकुशी की कोशिश करने वाली महिलाओं पर रिसर्च
रिसर्चर फेबियन डी लेग्रांड और उनकी टीम ने 18 से 65 की उम्र की महिलाओं पर स्टडी की। इन्होंने हाल ही में आत्महत्या का प्रयास किया था। इन सभी से कुछ सवाल किए गए जिससे इनके अंदर निराशा और आशा की भावना का पता लगाया गया।

हर रोज चल रही थेरेपी के साथ उन्हें दो दिन एक्सरसाइज या कोई गतिहीन कार्य चुनने के लिए कहा गया। इसके बाद कुछ महिलाओं ने दो दिन के लिए 30-30 मिनट अपनी पसंद की एक्सरसाइज की और कुछ ने अपने कमरे में अकेले रहकर किताबें पढ़ीं और गेम खेले।

कसरत करने वालों में आई निराशा की कमी
स्टडी में शामिल सभी लोगों से फॉर्म भरवाकर उनके अनुभव के बारे में पूछा गया। इसमें पाया गया कि दो दिन एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं में निराशा की कमी हुई, जबकि कमरे में अकेले रहने वालों में कोई बदलाव नजर नहीं आया।

साथ ही प्रतिभागियों को भी यह प्रोग्राम संतोषजनक लगा और इसके कोई खराब नतीजे नहीं दिखे। इस प्रोग्राम को लागू करना भी आसान रहा। लेग्रांड ने कहा कि सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात का हुआ कि मरीज रोज अपने एक्सरसाइज के समय को लेकर काफी उत्साहित दिखे। साथ ही अवसाद की दवाओं से बेहतर असर पड़ा।

महिलाओं पर आउटडोर एक्सरसाइज का असर ज्यादा
स्टडी के अनुसार एक्सरसाइज से महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना भी बढ़ी। महिलाओं को इनडोर बुक रीडिंग और आउटडोर एक्सरसाइज का टास्क दिया गया।

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