5 June History:5 जून का इतिहास :आज ही के दिन ऑपरेशन ब्लू-स्टार को अंजाम दिया गया था

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इतिहास से बड़ा कोई शिक्षक नहीं हो सकता। इतिहास में न केवल घटनाएँ समाहित हैं, बल्कि आप इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसी कड़ी में आप जानेंगे कि आज 05 जून को देश में क्या हुआ (5 June History)

जून का पहला सप्ताह और उसमें भी पांच जून का दिन देश के सिखों के जहन में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. भारतीय सेना ने इस दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश किया था. सिखों के इस सर्वाधिक पूजनीय स्थल पर सेना के अभियान को आपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया था(5 June History) .

1978 में अमृतसर में बैशाखी के दिन एक झगड़ें में 17 लोगों की हत्या हो गई. वहां से पंजाब में हालत लगातार बिगड़ते गए और साल 1984 में नौबत ऑपरेशन ब्लू स्टार तक आ पहुंची

जून, 1984 का पहला हफ्ता भारत के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश के तहत भारतीय सेना ने सिख चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके सशस्त्र अनुयायियों को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए परिसर में धावा बोल दिया था। 1984 का ऑपरेशन ब्लूस्टार भारतीय सेना द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा मिशन था। साल 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार की आज 38वीं बरसीं है।

ब्लूस्टार का जन्म: भले ही खालिस्तान आंदोलन 1940 और 1950 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था, लेकिन 1970 और 1980 के दशक के बीच इसने लोकप्रियता हासिल की। भारत में खालिस्तान आंदोलन के उदय के बाद ऑपरेशन ब्लूस्टार ने जन्म लिया। खालिस्तान आंदोलन का उद्देश्य सिखों के लिए एक स्वतंत्र राज्य बनाना था। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरमंदिर साहिब परिसर (स्वर्ण मंदिर) में जमे सिख आतंकवादियों को हटाने के लिए सैन्य अभियान का आदेश दिया था। यह ऑपरेशन 1 जून से 8 जून 1984 के बीच अमृतसर में चलाया गया था।

भिंडरावाले दमदमी टकसाल का नेता था और ऑपरेशन ब्लूस्टार के पीछे मुख्य कारणों में से एक थे। एक नेता के रूप में, भिंडरावाले का सिख युवाओं पर प्रभाव था। ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थकों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित अकाल तख्त परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त भिंडरावाले को खालिस्तान की मांग के एक बड़े समर्थक के रूप में देखा जाता था। देश की सरकार द्वारा इस ऑपरेशन को चलाए जाने का उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से जरनैल सिंह भिंडरावाले को हटाकर हरमंदिर साहिब परिसर को मुक्त कराना था।

ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत 1 जून से 8 जून 1984 के बीच कार्रवाई शुरू की गई थी। इसमें 5 जून की शाम दोनों पक्षों के बीच मुख्य लड़ाई शुरू हुई, पहले आदेश थे कि स्वर्ण मंदिर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए; लेकिन इस संघर्ष में आतंकियों के पास आधुनिक हथियार थे।

फिर सैन्य कार्रवाई में सेना ने भी टैंको का इस्तेमाल किया और आतंकियों पर गोले बरसाए। इस कार्रवाई में भिंडरावाले की मौत के साथ ऑपरेशन समाप्ति की ओर पहुंच चुका था, हालांकि पंजाब में शांति के लिए लोगों को 10 सालों से ज्यादा वक्त तक इंतजार करना पड़ा था। इस ऑपरेशन से पहले भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने ऑपरेशन सनडाउन को भी प्लान किया था, इसमें भिंडरावाले के अपहरण की योजना बनाई गई थी। जिसे बाद में कई कारणों के चलते टाल दिया गया था।

  • और ऑपरेशन ब्लू स्टार का परिणाम ये हुआ की सिख समुदाय के सबसे पूजनीय स्थानों में से एक स्वर्ण मंदिर पर सैन्य कार्रवाई ने दुनिया भर के सिख समुदाय के लोगों में तनाव पैदा कर दिया था। बाद में, इसी ऑपरेशन ब्लूस्टार को शुरू करने का आदेश देने वाली देश की ताकतवर महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फिर इस हत्या ने सिख दंगों को हवा दी, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।

और आज ही के दिन 1659- मुगल शासक औरंगजेब आधिकारिक रूप से दिल्ली की गद्दी पर बैठा.

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