शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सभी 68 सीटों पर मतदान खत्म हो गया है. सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पोलिंग बूथों पर वोटर्स की भीड़ देखने को मिली. देर शाम चुनाव आयोग (election Commission) ने बताया कि 75 प्रतिशत वोटिंग हुई है. कुल 412 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य में 2017 में 74.6 फीसदी वोटिंग हुई थी. हिमाचल प्रदेश में चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.
इस पूरे चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है. बीजेपी ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगाया है तो वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि पार्टी राज्य की सत्ता में फिर से वापसी करेगी. हिमाचल में 1990 के बाद हर पांच साल में सरकार (government) बदलती आई है. यही वजह है कि बीजेपी ने चुनाव में नया नारा दिया है- राज नहीं, रिवाज बदलेंगे. आज वोटिंग के वक्त भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ये नारा दोहराया. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में महंगाई और बेरोजगारी (inflation and unemployment) की वजह से लोग त्रस्त आ गए हैं. इसलिए लोगों ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है.
प्रदेश में कड़कड़ाती ठंड देखने को मिल रही है, इसके बावजूद मतदान के लिए उत्साह में कमी नहीं आई. राज्य में गिरते तापमान के बीच बूथों पर लोग पहुंचे और मतदान किया. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस (international day of the elderly) पर 103 साल के सरदार प्यार सिंह से मिलना और उनका अभिनंदन करना सम्मान की बात है. चुनाव आयोग के ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की गई है.
पहाड़ी राज्य में 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.21 लाख से अधिक मतदाता हैं, इनमें से 1,136 लोग ऐसे हैं, जो 100 साल पार कर गए हैं. 98 वर्षीय मदारी राम ने बिलासपुर के विजयपुर (Bilaspur’s Vijaypur) में मतदान किया. विधानसभा चुनाव (assembly elections) में चंबा जिले के चुराह में 105 वर्षीय नारो देवी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. शिमला में 103 वर्षीय सरदार प्यार सिंह ने वोट डाला.
83 वर्षीय चासक भाटपरी भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारी लैंडस्लाइड के बावजूद मतदान किया. भाटपरी ने चंबा के सुदूर भरमौर इलाके में वोट डाला.चुनाव आयोग ने बर्फ में भाटपरी की तस्वीर शेयर की है और कहा- ‘भरमौर राज्य में सबसे दूर है. भारी बर्फबारी के बावजूद मतदाताओं के उत्साह में कमी नहीं आई. चुनाव आयोग ने राज्य भर के मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की थी. बुजुर्गों के लिए डाक मतपत्र की विशेष सुविधा भी दी थी.
हिमाचल में 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी भारत के पहले मतदाता थे. उन्होंने कुछ दिन पहले इस चुनाव में डाक मतपत्र से अपना वोट डाला था, उसके बाद उनका निधन हो गया. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हाल ही में किन्नौर (transgender) के कल्पा में श्याम सरन नेगी के घर पहुंचे थे. CEC राजीव कुमार ने कहा था कि नेगी को असली श्रद्धांजलि यही होगी कि सभी नागरिक मतदान में हिस्सा लें और देश में लोकतंत्र को मजबूत करें.
2017 में बीजेपी ने जीती थीं 44 सीटें
बताते चलें कि 2017 के चुनाव में बीजेपी को 68 में से 44 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस ने 21 सीटें जीती थीं. राज्य में बीजेपी की सरकार बनी और जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया गया था. इस बार बीजेपी ने जयराम ठाकुर के काम के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनावी अभियान चलाया. इसके साथ हिमाचल प्रदेश के चुनावी ट्रेंड को बदलने के लिए उदाहरण के रूप में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का हवाला दिया है. इस चुनाव में बीजेपी के लिए एक बड़ी चिंता भी देखने को मिली. बीजेपी के 21 बागी मैदान में उतरे और चुनाव लड़े.
कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि ये चुनाव स्थानीय मुद्दों को लेकर है. लोग चाहते हैं कि सत्ताधारी पार्टी को बाहर करने की परंपरा से आगे चले. हालांकि, वयोवृद्ध वीरभद्र सिंह के निधन के बाद पार्टी नेतृत्व संकट का सामना कर रही है. पार्टी का कहना है कि वह सत्ता में वापस आएगी, क्योंकि उसका सीट-वार टिकट आवंटन पहले की तुलना में काफी बेहतर रहा है. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह राज्य इकाई प्रमुख हैं. उम्मीदवारों में बेटे विक्रमादित्य सिंह भी शामिल हैं.