New delhi: आज देशभर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर का अपना अलग ही महत्व है, क्योंकि इसी दिन 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। इसलिए, यह एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। संविधान बनने के बाद हमारे मूल संविधान में 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं। समय और जरूरत के हिसाब से सरकारों ने इसमें बदलाव किया है।
जानकारी में बताया जा रहा है कि सितंबर 2024 तक, भारत के संविधान में 106 संशोधन हो चुके हैं। इनमें से आखिरी 6 संशोधन निम्नांकित हैं…..
संविधान निर्माताओं के योगदान को स्वीकार करने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आज आइए जानते हैं, पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया। इस दिन को मनाने की वजह क्या थी और भारतीय संविधान की क्या खूबियां हैं।
पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन साल 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद संविधान की आवश्यकता को महसूस किया गया। संविधान तैयार करने में दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन का वक्त लगा।
जिसके बाद भारत गणराज्य का संविधान 26 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हो गया। हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।
भारतीय संविधान से जुड़ी रोचक बातें
इतिहासकारों के अनुसार, भारतीय संविधान नागरिकों को कई मौलिक अधिकार देता है। जैसे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार आदि. साथ ही, संविधान में कुछ मूल कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं जो नागरिकों को निभाने होते है।
समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुसार, संविधान में संशोधन किए जाते है। संविधान संशोधन की प्रक्रिया संविधान में ही निर्धारित है।
संविधान दिवस हमें हमारे संविधान के महत्व को समझने और इसकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम सभी बराबर हैं और हमें समान अधिकार प्राप्त है।
संविधान का निर्माण किसने किया
राजनीतिक विशेषज्ञ के अनुसार, भारतीय संविधान के निर्माण का श्रेय डॉ. भीमराव आंबेडकर को दिया जाता है। बाबा साहेब संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। संविधान सभा में 389 सदस्य थे और डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इस में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। भारतीय संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों तरह का है। हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी जिक्र है।