अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक मणिराम छावनी में हुई। इसमे वित्तीय वर्ष 2023 और 2024 का लेखा-जोखा पेश किया गया। बैठक के बाद सामने आया कि मंदिर के बचे निर्माण के लिए 850 करोड़ रुपये की धनराशि और खर्च होगी, जबकि मंदिर निर्माण में अब तक 540 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य सुविधाओं व व्यवस्थाओं के लिए 776 करोड़ रुपये का खर्च आया है। मंदिर के वित्तीय विवरण की जानकारी मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले 4 सालों में दान में मिले सोने-चांदी की भेंट का भी ब्योरा पेश किया गया।
चंपत राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में ट्रस्ट के काउंटर पर जाकर लोगों ने 53 करोड़ रुपये चेक या कैश धन दिया। मंदिर के दान पत्र में 24 करोड़ 50 लाख रुपया आया है। 71 करोड़ रुपये ऑनलाइन के माध्यम से लोगों ने ट्रस्ट के खाते में जमा किया है। उन्होंने बताया कि मंदिर ट्रस्ट ने नियमानुसार पिछले साल अपना पंजीकरण विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए करवाया। इसमें मार्च 2024 तक 10 करोड़ 43 लाख रुपये प्राप्त हुए है। मंदिर ट्रस्ट के खाते में जमा धनराशि पर लगभग 204 करोड़ रुपया ब्याज मिला है।
चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में होने वाले यात्री सुविधा केंद्र, पावर स्टेशन सहित अन्य निर्माण का कार्यों में 776 करोड़ रुपये का खर्च किया गया। राम मंदिर निर्माण पर 540 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। शेष अन्य में 146 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। मंदिर के बचे हुए निर्माण में करीब 850 करोड़ रुपये और खर्च होने का अनुमान है।
चंपत राय ने बताया कि बीते 4 वर्षों में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना प्राप्त हुआ है। सोने-चांदी की जांच की जिम्मेदारी भारत सरकार की संस्था मिंट को सौंपी गई है। इसको मिंट के हैदराबाद स्थित टकसाल में गलाने का काम सितंबर में ट्रस्ट के दो सदस्यों के सामने किया जाएगा। मिंट को पहले चरण में 9.44 क्विंटल चांदी जांच के लिए दी गई है।