मणिकर्ण में एक ऐसा कुंड जहां माइनस तापमान में भी गर्म रहता है पानी, जानें इसके पीछे का रहस्य

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नई दिल्ली : भारत, अपनी प्राचीन संस्कृति और रहस्यमयी परंपराओं के लिए विश्वभर में जाना जाता है. देशभर में ऐसे कई मंदिर और तीर्थस्थल हैं जो अपने आप में किसी रहस्य से कम नहीं हैं. ऐसा ही एक अद्भुत और रहस्यमयी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मणिकरण में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपनी एक अनोखी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है. यहां कड़कती ठंड में भी पानी उबलता रहता है.

मणिकरण एक छोटा सा कस्बा है जो पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है. यहां का मुख्य आकर्षण भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के पास स्थित गर्म पानी में का कुंड श्रद्धालुओं के लिए आश्चर्य का विषय है. चारों तरफ बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच, जहां तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है, इन कुंडों का पानी हमेशा उबलता रहता है. वैज्ञानिकों ने भी इस रहस्य को सुलझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे आज तक इसका कोई ठोस कारण नहीं बता पाए हैं.

इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती यहां भ्रमण कर रहे थे. माता पार्वती का एक कीमती रत्न पानी में गिर गया. उस रत्न को खोजने के लिए भगवान शिव ने अपने त्रिनेत्र से एक ज्वाला उत्पन्न की, जिससे पानी उबलने लगा और रत्न वापस मिल गया. तभी से यहां का पानी उबलता रहता है.

यह मंदिर हिंदू और सिख दोनों धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. यहां गुरु नानक देव जी ने भी कुछ समय बिताया था. इसलिए यहां एक गुरुद्वारा भी है, जिसे मणिकरण साहिब के नाम से जाना जाता है. हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं और गर्म पानी के कुंड में स्नान करते हैं. माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं.

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