ये तो अक्सर होता है कि जब कोई उल्टी सीधी हरकत करता है तो लोग उसे कह देते हैं कि यह इंसान नहीं जानवर है. हो सकता है कि आपने भी किसी को कहा हो या आपको किसी ने कहा हो. वैसे घर-परिवार में लोग एक दूसरे को कहते रहते हैं. लेकिन, सोचिए कि कभी कोई आदमी आपके पास आए और बोलने लगे कि मैं इंसान नहीं जानवर हूं और वैसी ही हरकत करने लगे तो आपको कैसा लगेगा?
अगर हरकतों की बात करें तो वो जानवर की तरह हाथ और पांव के सहारे चलने लगे या फिर खाने में घास चरने लगे तो कैसा लगेगा. वैसे ऐसा कम देखने को मिलता है, लेकिन आपको ये जानकारी हैरानी होगी कि ऐसा कुछ लोगों में होता है और वो भी किसी डिसऑर्डर की वजह से होता है. यानी उन्हें ऐसी ही बीमारी होती है, जिसमें इंसान खुद को आदमी नहीं बल्कि जानवर समझने लगता है और उसी की तरह व्यवहार करता है.
जी हां, ये बिल्कुल सच बात है कि कुछ इंसानों को एक मानसिक डिसऑर्डर होता है, इसमें इंसान खुद को गाय या बैल समझने लगता है और उसी की तरह हरकत करने लगता है. यह एक तरह की बीमारी होती है, जिसके केस काफी कम होते हैं.
इस मानसिक डिसऑर्डर का नाम है बोनथ्रॉपी, जो कि जोनथ्रॉपी का एक प्रकार है. यह काफी रेयर डिसऑर्डर होता है यानी इसके केस काफी कम देखने को मिलते हैं. यह साइकोलॉकिल डिसऑर्डर इंसान को जानवर की तरह रिएक्ट करने पर मजबूर करता है.
अगर किसी को ये डिसऑर्डर होता है, वो गाय की तरह व्यवहार करता है. इस डिसऑर्डर में इंसान जानवर की तरह चार पांव पर चलता है, घास खाता है, गाय का खाना पसंद करने लगता है. इतना ही इस स्थिति में इंसान बोलना बंद करता है और चारागाह की तरह झुंड में खाना पसंद करने लगता है. उन्हें लगता है कि वो गाय ही है और उसके हिसाब से अपनी लाइफ जीने लग जाते हैं.
बता दें कि जब व्यक्ति इस दिक्कत से जूझ रहा होता है तो उसे लगता नहीं है कि वो गाय की तरह बिहेव कर रहा है. कई रिसर्च में सामने आया है कि यह अजीबोगरीब मेंटल डिसऑर्डर सपनों आदि से होता है. हालांकि, कई लोग इस डिसऑर्डर को धार्मिक एंगल भी देते हैं और इसे ब्लैकमैजिक, टोने-टोटके से जोड़कर देखते हैं. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि फेमस लोगों में King Nebuchadnezzar इसके शिकार रह चुके हैं, जो Neo-Babylonian के राजा रह चुके हैं और उन्होंने 605 BC से 562 BC तक राज किया है.