राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू दो बेटों और पति को खोने के बाद भी चट्टान की तरह डटी रहीं, हादसों से भरी जिंदगी

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नई दिल्ली: केंद्र ने राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद से वह सुर्खियों में हैं। लेकिन आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू के लिए यहां पहुंचना आसान नहीं था।

ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक आदिवासी गांव में जन्मी 64 वर्षीय मुर्मू ने अपने जीवन में कई ऐसी दुर्घटनाओं का सामना किया, जिनका सामना करना किसी भी आम महिला के लिए आसान नहीं था। लेकिन द्रौपदी ने बहादुरी से इन हादसों का मुकाबला किया। आपको बता दें कि पूरे परिवार के बाद अब वह अपनी एक बेटी के साथ अकेली हैं।

दरअसल, साल 2009 द्रौपदी के जीवन का वो भीषण साल था जब उनके बेटे की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह इस हादसे से उबर भी नहीं पाई थी कि तीन साल बाद 2012 में उनके दूसरे बेटे की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, द्रौपदी ने जीवन के इस तूफान में भी बड़ी हिम्मत से लड़ाई लड़ी, लेकिन प्रकृति को शायद कुछ और करना था. इसे मंजूर कर लिया गया और इससे पहले मुर्मू के पति की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

इन सबके बावजूद वह डटी रही और अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी। अब द्रौपदी मुर्मू की एक विवाहित बेटी है जो भुवनेश्वर में रहती है। वहीं अगर वह चुनाव जीत जाती हैं तो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।

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