नई दिल्ली। जब कोलेस्ट्रॉल शरीर में वसा के रूप में जमा होने लगता है, तो इसे उच्च कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, हालांकि कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर हृदय रोगों का खतरा भी तेजी से बढ़ता है। वसायुक्त भोजन, कम नींद, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण हैं। कई बार यह अनुवांशिक भी हो सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर कुछ लक्षण दिखाई नहीं देते, इसीलिए इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। जी हां, ज्यादा ध्यान देने पर पैरों में कुछ लक्षण नजर आते हैं, जिनका अंदाजा लगाया जा सकता है।
पैरों में उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
1- कोलेस्ट्रॉल अधिक होने पर पैरों, जांघों और कूल्हों में ऐंठन महसूस होती है।
2- ये ऐंठन कई बार आराम करने के बाद भी कम नहीं होती है।
3- इसमें पैरों में कमजोरी, पैर की उंगलियों, पैरों पर घाव शामिल हैं।
4- घाव धीरे-धीरे या बिल्कुल भी नहीं भरते।
5- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से त्वचा का रंग पीला या नीला हो सकता है।
6- एक पैर में कम तापमान महसूस किया जा सकता है। 7- इसमें पैर की उंगलियों के नाखून खराब होने लगते हैं।
8- इसके अलावा बालों के कम बढ़ने का कारण हाई कोलेस्ट्रॉल भी हो सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम करें? (उच्च कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें)
1- कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आपको नियमित रूप से स्वस्थ आहार लेना चाहिए।
2- आपको रोजाना व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
3- आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
4- सैचुरेटेड फैट कम करें और अनसैचुरेटेड फैट का सेवन करें। इसके लिए जैतून, सूरजमुखी, अखरोट और बीज के तेल का इस्तेमाल करें।