नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने विभाग से संबंधित 100 दिन के कार्यों की उपलब्धियां प्रस्तुत की

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लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के सुशासन के 08 वर्ष एवं मुख्यमंत्री के सुशासन के 05 वर्ष की बदौलत जनता ने केन्द्र एवं राज्य में लगातार दूसरी बार सेवा का अवसर प्रदान किया है। मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने सेवा एवं सुशासन के 100 दिन पूरे किये हैं। इसी संदर्भ में 100 दिन के कार्य एवं उपलब्धियों को प्रस्तुत करने के लिए ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग ने आज प्रेस प्रतिनिधियों के माध्यम से जनता को अपने 100 दिन में किये गये कार्यों एवं उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा आज लोक भवन के मीडिया सेन्टर में प्रेसवार्ता कर विभागीय कार्यों की जानकारी दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने सभी विभागों को 100 दिन, 06 माह, 01 साल, 02 वर्ष एवं 05 वर्ष के कार्यों का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत ऊर्जा विभाग के 100 दिन के कार्यों के लक्ष्य को हमने निर्धारित अवधि में ही शत-प्रतिशत पूरा कर लिया है और प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और सुचारू एवं सुदृढ़ करने के विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और बेहतर विद्युत आपूर्ति उपभोक्ताओं को प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। इन 100 दिनों के कार्यों में ऊर्जा विभाग ने कुछ ऐतिहासिक कार्य भी किये हैं।

एके शर्मा ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के विजन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की पहल व दिषा-निर्देषन में प्रदेष सरकार के सेवा, सुरक्षा एवं सुषासन के संकल्प के साथ ऊर्जा विभाग ने प्रदेष की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने हेतु विद्युत उत्पादन, वितरण, ट्रांसमिषन एवं अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में युद्धस्तर पर अनेक महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दोबारा सरकार बनते ही प्रचण्ड गर्मी शुरू हो गई थी। प्रदेष के इतिहास में पहली बार 11 जुलाई 2022 को सर्वाधिक डिमांड 26504 मे0वा0 की आपूर्ति सुनिष्चित कर ऐतिहासिक रिकार्ड बनाया गया तथा 08 जुलाई 2022 को 01 दिवस में सर्वाधिक 541 मि0यू0 विद्युत आपूर्ति की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक की यह सर्वोच्च डिमाण्ड थी, जिसको पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। यहीं तक नहीं इस वर्ष हमारी जो न्यूनतम डिमाण्ड थी वह भी पिछले वर्ष 5662 मे0वा0 की तीन गुनी 17669 मे0वा0 थी।

उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद ही बेहतर अनुरक्षण कार्य पर सर्वाधिक ध्यान ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में लाकर वर्ष 2021-22 के सापेक्ष इस वर्ष ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता 2.80 प्रतिशत में कमी कर 2.77 प्रतिशत पर लाया गया। जर्जर लाइनों व खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कर भीषण गर्मी में भी सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की गई। उपभोक्ताओं की षिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु पावर कारपोरेषन के टोल फ्री हेल्प लाइन 1912 में आने वाली षिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए इसकी तकनीकी एवं क्षमता में सुधार करते हुए इस वर्श में 92.50 प्रतिषत षिकायतों का निस्तारण किया गया। इसी प्रकार अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तकनीक के माध्यम से उपभोक्ता सेवा को और प्रभावी बनाने के लिए पहली बार ‘सम्भव’ पोर्टल की षुरूआत कर स्थानीय स्तर पर ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है और स्वयं ऊर्जा मंत्री द्वारा भी सुनवाई की जा रही है। उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु एकमुष्त समाधान योजना चलायी गयी, जिसमें सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए बकाये के सरचार्ज पर शत-प्रतिशत छूट दी गई। अभी तक इस योजना से 35.31 लाख उपभोक्ताओं ने लाभ प्राप्त किया, जिसके अन्तर्गत 2636 करोड़ रूपये प्राप्त हुए है तथा 761 करोड़ रूपये की राषि सरचार्ज के रूप में मांफ की गयी।

इसी प्रकार ऊर्जा विभाग ने राजस्व वसूली में भी वर्श 2022-23 के प्रथम तिमाही में पिछले वर्श 2021-22 के प्रथम तिमाही के सापेक्ष राजस्व वसूली में ऐतिहासिक वृद्धि हुयी है। 2021-22 के प्रथम तिमाही में 9419.92 करोड़ राजस्व वसूली हुयी थी। जबकि 2022-23 प्रथम तिमाही में 13763.34 करोड़ रूपये की राजस्व वसूली हुयी जोकि 46.11 प्रतिषत अधिक है। विभाग ने कभी भुगतान न करने वाले (छमअमत च्ंपक) उपभोक्ताओं से सम्पर्क कर उन्हें भुगतान हेतु प्रेरित करते हुये 1411921 उपभोक्ताओं भुगतान जमा कराया। विद्युत आपूर्ति की बढ़ी हुयी मांग की पूर्ति के लिए गत वर्शों की तुलना में उत्तर प्रदेष राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इकाईयों को सर्वाधिक कोयला आपूर्ति सुनिष्चित किया गया। अप्रैल एवं जून 2019 में लगभग 52.1 लाख मिलियन टन, 2020 में लगभग 39.8 लाख मिलियन टन, 2021 में लगभग 45.3 लाख मिलियन टन कोयला आपूर्ति हुआ था। जबकि अप्रैल एवं जून 2022 में लगभग 63 एवं 67 लाख मिलियन टन कोयले की आपूर्ति सुनिष्चित की गयी। विद्युत उत्पादन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुये हैं। इस वर्श की प्रथम तिमाही में उत्तर प्रदेष राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इकाईयों द्वारा गत वर्श के सापेक्ष विद्युत उत्पादन एवं पी0एल0एफ0 में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गयी। पिछले वर्श माह अप्रैल से जून के बीच 7936 मि0यु0 का उत्पादन हुआ था जबकि 2022 के इन्ही महीनांे में 10794 मि0यु0 विद्युत उत्पादन हुआ जो 36 प्रतिषत अधिक है।

एके शर्मा ने बताया कि उपभोक्ता सेवा में गुणात्मक सुधार करते हुए कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कार्यों के प्रति जवाबदेह बनाया। इसी प्रकार वितरण क्षेत्र में भी दो उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण कर ऊर्जीकृत किया। 33/11 के0वी0 जी0आई0एस0 (गैस इन्सूलेटेड उपकेन्द्र) उपकेन्द्र नगवां जनपद वाराणसी उपकेन्द्र की क्षमता 2ग्10 एम0वी0ए0 है तथा इसके ऊर्जीकरण से 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र नरीया तथा 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र डफी का भार कम किया गया। परिणाम स्वरूप उक्त तीनों उपकेन्द्रों से जुड़े लगभग 35000 उपभोक्ताओं को बेहतर एवं गुणवत्ता परक विद्युत आपूर्ति का अवसर प्राप्त हुआ। इस पर 20.65 करोड़ रूपये व्यय किये गये। 33/11 के0वी0 उपकेन्द्र कैल्हा, चित्रकूट उपकेन्द्र का ऊर्जीकरण किया गया इससे क्षेत्र खम्भा खुर्द मडईयन, कैल्हा एवं षहरी क्षेत्रों के लगभग 7000 उपभोक्ताओं को बेहतर एवं गुणवत्ता परक विद्युत आपूर्ति का अवसर प्राप्त हुआ। इस पर 3.49 करोड़ रूपये व्यय किये गये। अनमीटर्ड घरों में मीटर लगाने की कार्ययोजना बनाकर सर्वाधिक घरों में मीटर लगाने में ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की गई। जिसके तहत 100 दिन के भीतर 3.68 लाख अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के यहॉ मीटर लगाने का लक्ष्य बनाया गया था। लक्ष्य के सापेक्ष जून 2022 तक 5.75 लाख उपभोक्ताओं के यहॉ मीटर लगाया जा चुका है। परिणाम स्वरूप अनमीटर्ड संयोजनों की संख्या जोकि 1 अप्रैल 2022 में 7.36 लाख थी से घटकर 1 जुलाई 2022 को 1.61 लाख तक आ गयी।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विद्युत आपूर्ति बेहतर करने हेतु पारेशण क्षेत्र में सात उपकेंद्रो का निर्माण कार्य पूर्णकर ऊर्जीकृत किया गया जिसके अन्तर्गत 400 के0वी0 रसड़ा उपकेन्द्र (बलिया) का रू0 426.06 करोड़ की लागत से निर्माण किया गया साथ ही 400 के0वी0 भौखरी उपकेन्द्र (बस्ती), लागत रू0 829.59 करोड़, 220 के0वी0 उपकेन्द्र अयोध्या, लागत मूल्य 151.21 करोड़, 220 के0वी0 उपकेन्द्र बबीना (झांसी) लागत रू0 73.73 करोड़, 220 के0वी0 उपकेन्द्र मलवां (फतेहपुर) लागत रू0 100.17 करोड़, 132 के0वी0 उपकेन्द्र बिलोचपुरा (बागपत) लागत रू0 69.17 करोड़, 132 के0वी0 उपकेन्द्र छानवे (मीर्जापुर) उपकेन्द्र का निर्माण कार्य लागत रू0 22.27 करोड़ से पूर्ण किया गया। रिवैम्पड योजना (आर0डी0एस0एस0) के अंतर्गत विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु रू0 54300.28 करोड़ का कार्य अनुमोदित किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत लाइन हानियों को कम करने, विद्युत वितरण तंत्र के आधुनिकीकरण तथा उपभोक्ताओं के परिसरों में मीटर लगाये जाना ल़िक्षत है। एशियन डेवेलपमेन्ट बैंक (ए0डी0बी0) से प्राप्त ऋण के माध्यम से 24930 मजरों में 26000 किलोमीटर ए0बी0 केबलिंग का कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है। पारेषण क्षेत्र में 2162 करोड़ की कुल लागत के एक 400 के0वी0, चार 220 के0वी0 तथा तीन 132 के0वी0 उपकेन्द्र एवं विभिन्न पारेषण तन्त्र की क्षमता वृद्धि एवं सुदृढीकरण का कार्य स्वीकृृत किया जा चुका है।

एके शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देकर विद्युत उपलब्धता बढ़ाने हेतु युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है। सरकारी एवं अर्धसरकारी भवनो में अब तक 1080 कि0वा0 क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ़ टॉप प्लान्ट स्थापित किये गये हैं। सार्वजनिक पथ प्रकाश व्यवस्था हेतु 5000 सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्र स्थापित किये गये हैं। जनपद जालौन के अन्तर्गत 32 मे0वा0 एवं 65 मे0वा0 कुल 97 मे0वा0 क्षमता की सौर पावर परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जनपद हापुड़ में 5 टन कम्प्रेस्ड बायो गैस प्रतिदिन क्षमता के प्लान्ट का ट्रायल रन आरम्भ किया गया है। अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में निजी अवासो में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप प्लान्ट स्थापना हेतु लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन आरम्भ किया जा चुका है। अब तक 972 लाभार्थियों के सापेक्ष 3024 कि0वा0 सोलर प्लान्ट क्षमता का पंजीकरण पूर्ण हो चुका है।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने नगर विकास एवं शहरी समग्र विकास विभाग द्वारा 100 दिन में किये गये कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री जी के विजन स्वच्छ भारत के तहत नगरीय निकायों को साफ-स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए सर्वप्रथम अधिकारियों, कर्मचारियों व जन भागीदारी के सहयोग से सभी नगरीय निकायों में प्रातः 05 बजे से 08 बजे के बीच सफाई व्यवस्था प्रारम्भ की गई। इसमें सभी सफाई कर्मियों के साथ जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों ने भी अपना अहम योगदान दिया और उत्तर प्रदेश जैसे सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में सफाई कार्य में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग एवं जन शिकायतों के निस्तारण हेतु प्रदेश स्तरीय डेडीकेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना निकाय निदेशालय में की गई और यह व्यवस्थित तरीके से कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग की भांति ही नगरीय निकायों में भी समस्याओं के निस्तारण हेतु ‘सम्भव’ पोर्टल की वैसी ही व्यवस्था की गई है, इसमें शिकायतकर्ता को सीधे मंत्री से भी संवाद का मौका मिलता है।

एके शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 17 शहरों में यातायात व्यवस्था एवं नागरिक सुविधाओं की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई तथा 17 स्मार्ट सिटीज के कार्यों की निगरानी के लिए सेन्ट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सेन्टर की स्थापना की गई और डेडीकेटड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर से भी जोड़ा गया है। इसी प्रकार नागरिकों द्वारा सीधे शिकायत दर्ज करने के लिए भारत सरकार से 1533 टोल फ्री नं0 की व्यवस्था कर इसे राज्य स्तर पर संचालित किया गया, इससे लोगों को काफी सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में बहुत सी योजनाएं एवं परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं और मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर इसकी मॉनिटरिंग हेतु पी0एम0यू0 की स्थापना की गई। इसी प्रकार नवसृजित/उच्चीकृत/विस्तारित नगरीय निकायों में मूलभूत सुविधाओं हेतु मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना संचालित की गई और ऐसी नगरीय निकायों के विकास के लिए 550 करोड़ रुपये बजट प्रदान किया गया। साथ ही हैण्ड होल्डिंग की भी व्यवस्था शुरू की गई, इसके तहत 17 स्मार्ट सिटीज के 102 नगरीय निकायों के कार्यों में सहयोग मिलेगा। सरकार ने नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए नगरों के वातावरण को अच्छे से श्रेष्ठ बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की है, जिसके तहत अमृत उद्यान एवं अमृत सरोवर बनाये जायेंगे, इससे शहरों की गंदगी को हटाने में भी सहयोग मिलेगा। शहर की सफाई व्यवस्था, नालों/नालियों की सफाई की निगरानी के लिए ड्रोन से मॉनिटरिंग करने की पहली बार पहल की गई।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से प्रकृति और मानव जीवन को बचाने के लिए इसके प्रतिबंध हेतु जनजागरूकता के लिए 29 जून, 2022 को रेस अभियान चालू किया और पांच दिन के भीतर ही जन सहयोग के माध्यम से 05 हजार कुन्तल से अधिक की प्लास्टिक एकत्रित कर इसका निस्तारण किया गया। उन्होंने मीडिया से भी इसमें सहयोग देने की अपील की है और प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के संदेश को अधिक से अधिक लोगों के बीच ले जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विभाग के 100 दिन के लक्ष्य को पूरा करते हुए पेयजल की 19 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं। विभिन्न नगरीय निकायों में 280 सीट से अधिक पिंक शौचालय का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। इसी प्रकार डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह का कार्य भी पूरी सतर्कता के साथ किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 50 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया गया है तथा अब तक 75 परिययोजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार सेन्ट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सेन्टर की स्थापना से 17 शहरों से लाइव फीड प्राप्त की जा रही है।

एके शर्मा ने बताया कि पी0एम0 स्वनिधि योजना के तहत लक्ष्य के सापेक्ष 116950 आवास पूर्ण हो चुके हैं तथा 87696 स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित किया गया। शहरों के प्रदूषण को कम करने तथा यातायात सुविधा बढ़ाने के लिए 446 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। सिटी बस सेवा हेतु ‘चलो ऐप’ की भी शुरूआत की गई। निकायों में 65 अंत्येष्टि स्थलों को कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 17 निराश्रित गोवंश के लिए 17 गौशालाओं का कार्य पूर्ण कर क्रियाशील किया गया है। शहरों में अमृत पार्क के तहत 35 पार्कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शहरों में ऑनलाइन प्रापर्टी म्यूटेशन की व्यवस्था भी संचालित की गई। उन्होंने कहा कि शहरी व्यवस्था में सुधार के लिए अधिक से अधिक मशीनों के प्रयोग पर बल दिया गया है और हजरतगंज जैसे अन्य व्यस्तम इलाकों में दोपहर एवं सायं में भी सफाई कराने की व्यवस्था की गई है।

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