इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति की लौ होने जा रही है विलय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला के साथ मिलाया जायेगा
50 सालों से इंडिया गेट पर जल रही ” अमर ज्योति की मशाल” को बुझाया जा रहा है। सरकार का कहना है कि अब इस मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ मिला दिया जायेगा। सरकार के इस फैसले पर विवाद भी चल रहा है। लोग इसको लेकर तरह तरह के ट्वीट कर रहे हैं। अब इन विवादों के बीच सरकार ने सूत्रों से कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में मिलाया जा रहा है। ये अजीब बात थी कि इस लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी लेकिन उनका नाम वहां मौजूद नहीं है, इसलिए ये कदम उठाया जा रहा है!आपको बता दें की अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जो कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत को जीत मिली थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था। नेशनल वॉर मेमोरियल की बात करें तो इसमें 25,942 शहीदों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं और शहीदों के परिवार के लोग यहीं आते हैं। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। जानकारी के लिए बता दें कि 40 एकड़ जमीन पर 176 करोड़ की लागत से इसको बनवाया गया है। शुक्रवार यानी आज के दिन दोपहर 3:30 बजे एक कार्यक्रम में अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया जाएगा जो कि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर मौजूद है।