बीजिंग: दक्षिण चीन सागर और प्रशांत महासागर में अमेरिकी नौसेना को मात देने के लिए चीन ने एक खास टॉरपीडो बनाया है. ये टॉरपीडो अमेरिकी जहाज को समुद्र के अंदर से ही डूबो देगा, वो भी बिना किसी आवाज के. चीन के रिसर्चर्स इन दिनों एक ऐसे ही टॉरपीडो पर काम कर रहे हैं, जो किसी भी पल अमेरिकी नौसेना के जहाज को निशाना बना सकता है.
टॉरपीडो को आप समुद्र का बम कह सकते हैं, जो पानी के अंदर दुश्मन की पनडुब्बी को सेकेंड्स में ढेर कर सकता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. चीन के सबसे बड़े नौसेनिक कॉन्ट्रैक्टर के पब्लिकेशन जरनल ऑफ अनमैन्ड अंडरसी सिस्टम्स की तरफ से जारी एक पेपर का हवाला दिया गया है. इसमें लिखा है कि चीन के रिसर्चर्स ने एक ऐसे ही हथियार का डिजाइन पूरा कर लिया है.
इस टॉरपीडो को एक डिस्पोजेबल न्यूक्लियर रिएक्टर के तौर पर प्रयोग किया जा सकगा. ये 35 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकेगा. किसी भी रिएक्टर को खत्म करने से पहले 200 घंटे तक समंदर में रह सकता है. इसके बाद ये समंदर की सतह में ही गिर जाएगा. टॉरपीडो को बैटरी से चार्ज किया जा सकेगा और फिर से हमला करने में सक्षम होगा. अभी तक ये साफ नहीं हो सकता है कि रिसर्चर्स की टीम इस हथियार के लिए किस तरह के टारगेट के बारे में सोच रही है.
इस सिस्टम को रूस के पोसायडन टॉरपीडो ड्रोन की तरह ही देखा जा रहा है, जो परमाणु क्षमता से चलता है. लेकिन दोनों में कुछ अंतर है. रूस के पोसायडन को राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के छह ‘सुपर वेपंस’ में से एक माना जाता है. साल 2019 में पुतिन ने अपने सालाना संबोधन में इसका जिक्र किया था. ये हथियार बिना किसी वॉर्निंग के दुश्मन पर हमला बोलता है.
न सिर्फ ये टारगेट को पूरी तरह से खत्म कर देता है बल्कि हमले वाली जगह को रेडिएशन से भर देता है, जिसके बाद किसी भी तरह का रिपेयर नहीं किया जा सकता है. हालांकि, चीन का टॉरपीडो कुछ मामलों में रूस के पोसायडन से अलग है.चीनी शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के हथियार के इस्तेमाल से दुनिया को खत्म करने वाला परमाणु युद्ध शुरू हो सकता है, जिससे यह संभावना नहीं है कि कई और निर्माण होंगे. इसके बजाय, पोसायडन मुख्य रूप से एक रणनीतिक हथियार के रूप में कार्य करता है.