पढ़िए बीटिंग द रिट्रीट में 70 सालों से बज रहे उस गाने की कहानी, जिसे इस बार नहीं बजाया जाएगा

Beating The Retreat Ceremony: हर साल 29 जनवरी की शाम को होने वाली 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह में सबसे चर्चित धुन Abide With Me नहीं सुनाई देगी. तो जानते हैं इस गाने की कहानी...

0 411

26 जनवरी की परेड (26 January Parade) के बाद 29 जनवरी की शाम को विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ (Beating The Retreat) समारोह का आयोजन होता है. इस समारोह में नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के पारम्‍परिक बैंड अलग अलग धुन बजाते हैं और देश के लिए शहीद हुए जवानों को याद करते हैं. लेकिन, इस बार ‘बीटिंग द रिट्रीट’ में बजाई जाने वाली धुन अबाइड विद मी (Abide With Me) नहीं बजाई जाएगी. दरअसल, ये धुन हर साल ‘बीटिंग द रिट्रीट‘ में बजाई जाती है.

इस खबर के साथ लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं कि आखिर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ में यह धुन क्यों बजाई जाती है और इस अंग्रेजी गाने की क्या कहानी है. तो आज हम आपको इस गाने की कहानी बताते हैं और बताते हैं कि यह गाना किस वजह से खास है. साथ ही बताएंगे कि अब इसकी जगह कौनसा गाना बजाया जाएगा

क्या होती है ‘बीटिंग द रिट्रीट’?

सबसे पहले आपको बताते हैं कि ‘बीटिंग द रिट्रीट’ क्या है. 26 जनवरी पर चार दिवसीय समारोह होता है, जिसमें सबसे आखिरी कार्यक्रम ‘बीटिंग द रिट्रीट’ ही होता है. यह कार्यक्रम कल नई दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक में आयोजित होता है. बीटिंग रिट्रीट एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सेनाएं सूर्यास्त के बाद युद्ध मैदान से वापस लौटती थीं. जैसे ही वापसी का बिगुल बजता था, लड़ाई रोक दी जाती थी, हथियार रख दिए जाते थे और युद्ध स्थल छोड़ दिया जाता था. उसी से जोड़कर भारत में इसे साल में एक बार आयोजित किया जाता है.

ऐसे में इस कार्यक्रम में अलग अलग बैंड की परफॉर्मेंस के बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं, तब सूचित किया जाता है की समापन समारोह पूरा हो गया है.

कौनसा गाना बजाया जाता था?

इस कार्यक्रम में कई गानों की धुन बजाई जाती है. माना जाता है कि साल 1950 से इस कार्यक्रम के आखिरी में Abide With Me गाने की धुन बजाई जाती है और यह कई सालों से बजाई जा रही है और आपने भी शायद सुनी होगी. अब इस गाने को नहीं बजाया जाएगा. बता दें कि साल 2020 में भी रिपोर्ट्स आई थीं कि बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में अबाइड विद मी गाने को नहीं बजाया जाएगा और उसकी जगह वंदे मातरम को जोड़ा जाएगा. हालांकि, मगर ऐसा नहीं हुआ और साल 2020 और 2021 में भी इसे बजाया गया. हालांकि, अब बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के अन्य गानों में जगह नहीं दी गई है, जो उस दिन बजाए जाएंगे.

क्या है इस गाने की कहानी?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह गाना प्री-मॉर्डन वर्ल्ड में स्कॉटलैंड के एंगलिकन मिनिस्टर Henry Francis Lyte ने लिखा था. यह गाना एक तरह से चर्च में गाया जाने वाला धार्मिक गीत है, जिसे हिम (Hymn) कहा जाता है. यह खास हिम सादगी और दुखी अवसर पर गाए जाने वाला भजन है, जो अक्सर अंग्रेजी संगीतकार विलियम हेनरी मोंक की ट्यून पर गाया जाता है. यह ही गाना बिटिंग रिट्रीट में गाया जाता है और सेना का बैंड इसे उतनी ही सादगी से बजाता है.

रिपोर्ट के अनुसार, Henry Francis Lyte ने यह गाना साल 1820 में लिखा था. उन्होंने जब ये गाना लिखा था, जब वो अपने एक दोस्त से मिलकर आए थे और वो अपनी जीवन की अंतिम सांसे ले रहा था और इस गाने में उसके जाने का दुख बताया गया था. लेकिन, उन्होंने 1847 में अपनी मौत तक ये गाना अपने पास ही रखा था. यह पहली उनके अंतिम संस्कार के मौके पर ही गाया गया था.

यह ईसाई धर्म में काफी लोकप्रिय है और कई दुख भरी घटनाओं के बाद इसे गाया जाता है. टाइटैनिक के डूबने पर भी इसे बजाया गया था तो पहले विश्व युद्ध में भी यह काफी बार गाया गया, जिससे यह काफी लोकप्रिय हो गया. साथ ही इंडियन आर्मी में ही नहीं, कई देशों की सेना में इसे शहीदों को याद करते हुए बजाया जाता है.

भारत से कनेक्शन?

एबाइड विद मी महात्मा गांधी के निजी पसंदीदा गानों में से एक था. राष्ट्रपिता ने सबसे पहले मैसूर पैलेस बैंड से यह धुन सुनी थी और वो इस गाने को नहीं भूल सके. कहा जाता है कि वैष्णव जन तो, रघुपति राघव राजा राम के साथ ही यह भी उनकी पसंदीदा धुन थी, जो अब बीटिंग द रिट्रीट में सुनाई नहीं देगी. माना जाता है कि महात्मा गांधी की वजह से भी इसे सेना में गाया जाता है.

अब किस गाने ने ली जगह

भारतीय सेना की ओर से शनिवार को जारी एक विवरण पुस्तिका के अनुसार, इस गाने को 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह से हटा दिया गया है. विवरण पुस्तिका में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन के साथ होगा. पहले बीटिंग रिट्रीट ‘अबाइड विद मी’ की धुन के साथ समाप्त होता था. ‘वीर सैनिक’, ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया जाएगा.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.