Nancy Pelosi in Taiwan: चारों तरफ से घेरा, लॉन्च कर दी मिसाइल ड्रिल; आखिर चीन की समस्या क्या है?

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Nancy Pelosi in Taiwan: PLA ने ताइवान के चारों तरफ 6 ‘नो एंट्री जोन’ घोषित किए हैं। यानी अब इन 6 रास्तों से कोई पैसेंजर प्लेन या शिप ताइवान नहीं पहुंच सकते हैं। चीन ने ताइवान के चारों ओर अपने J-20 फाइटर जेट और युद्धपोतों की तैनाती कर दी है। ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी के एशिया इंस्टीट्यूट में पढ़ाने वाले डॉ. सो कीट टोक कहते हैं कि चीन ताइवान से पेलोसी के विमान को जाने तक से रोक सकता है। पेलोसी और अन्य सांसदों को लेकर जा रहा विमान रोकने के लिए चीन हवाई नाकेबंदी कर सकता है।

अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान पहुंचीं (Nancy Pelosi in Taiwan)। पेलोसी के पहुंचते ही चीन आगबबूला हो गया और ताइवान पर कई प्रतिबंध लगा दिए। इतना ही नहीं चीनी सेना ने 21 सैन्य विमानों से ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई। वहीं पेलोसी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनकी यात्रा मानवाधिकारों की रक्षा, अनुचित व्यापार परंपराओं का विरोध और सुरक्षा को लेकर है।

दुनिया के लिए अहम क्यों है ताइवान?

फोन, लैपटॉप, घड़ी से लेकर कार तक में लगने वाले ज्यादातर चिप ताइवान में बनते हैं। ताइवान की वन मेजर कंपनी दुनिया के आधे से अधिक चिप का उत्पादन करती है। इसी वजह से ताइवान की अर्थव्यस्था दुनिया के लिए काफी मायने रखती है। अगर ताइवान पर चीन का कब्जा होता है तो दुनिया के लिए बेहद अहम इस उद्योग पर चीन का नियंत्रण हो जाएगा। इसके बाद उसकी मनमानी और बढ़ सकती है।

पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भड़का चीन

चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान की हाई-प्रोफाइल यात्रा पर कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए अमेरिकी राजदूत को तलब किया है। चीन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका को इस गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका ताइवान में दखलअंदाजी बंद करे।

दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष: पेलोसी

अमेरिकी स्पीकर पेलोसी (Nancy Pelosi in Taiwan) ने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष है। जैसा कि चीन समर्थन हासिल करने के लिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करता है, हमें ताइवान के बारे में उसकी तकनीकी प्रगति के बारे में बात करनी होगी और लोगों को ताइवान के अधिक लोकतांत्रिक बनने का साहस दिखाना होगा।

अमेरिकी स्पीकर के दौरे से क्यों बौखलाया चीन?

ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका उसे सैन्य उपकरण बेचता है, जिसमें ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं। ओबामा प्रशासन ने 6.4 अरब डॉलर के हथियारों के सौदे के तहत 2010 में ताइवान को 60 ब्लैक हॉक्स बेचने की मंजूरी दी थी। इसके जवाब में, चीन ने अमेरिका के साथ कुछ सैन्य संबंधों को अस्थायी रूप से तोड़ दिया था। अमेरिका के साथ ताइवान के बीच टकराव 1996 से चला आ रहा है। चीन ताइवान के मुद्दे पर किसी तरह का विदेशी दखल नहीं चाहता है। उसकी कोशिश रहती है कि कोई भी देश ऐसा कुछ नहीं करे जिससे ताइवान को अलग पहचान मिले। यही, वहज है अमेरिकी संसद की स्पीकर के दौरे से चीन भड़क गया है।

 

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