मथुरा: भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षा बंधन नजदीक है। ऐसे में वृंदावन में बांके बिहारी जी के मंदिर में राखियों का सिलसिला पहुंचना लगातार जारी है। जानकारी के मुताबिक बांके बिहारी जी को देश के कोने-कोने से अबतब दस हजार से ज्यादा बहनें राखी भेज चुकी हैं। ये वो महिलाएं हैं जो बांके बिहारी जो को अपना भाई मानती हैं। अपने भाई कान्हा को लेकर बहनों का ये प्रेम देख मंदिर के पुजारी भी भावुक हैं। कुछ महिलाएं ने अपने भाई कान्हा के लिए बड़े प्यार से राखी के साथ रोली-अक्षत और मिठाई भी भेजी है। कई बहनों ने तो अपने भाई को राखी के साथ-साथ चिट्ठी भी भेजी है जिसमें उन्होंने अपने भाई कान्हा को बताया है कि उनके जीवन में क्या समस्याएं चल रही है। कहीं किसी बहन ने चिट्ठी के साथ अपने भाई कान्हा के साथ लाड़ लड़ाया है।
जानकारी के मुताबिक बांके बिहारी जी को सबसे ज्यादा दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र से राखियां आई हैं। इसके अलावा देश के बाकी राज्यों से भी बहनों ने अपने भाई कान्हा को राखी के रूप में प्यार भेजा है। इस बीच पुणे से कान्हा के नाम एक अनूठी राखी भी आई है जिसमें एक बहन ने ठाकुर जी को राखी, रोली, चावल और मेवे के साथ दो रेनकोट भी भेजा है। इसके साथ ही एक चिट्ठी भी लिखी है जिसमें उस बहन ने लिखा है कि उसने सपने में देखा कि बिहारी जी राधा रानी के साथ निधिवन में रास रचा रहे हैं। इस दौरान बारिश हो जाती है और दोनों भीग जाते हैं।
चिट्ठी में आगे लिखा है कि निधिवन में रास रचाने जाते राधा रानी और बिहारी जी भीग ना जाएं इसलिए वो राखी के साथ दोनों के लिए रेनकोट भेज रही हैं। अपने भाई कान्हा के लिए इस बहन का प्रेम और सच्ची भावना को देखकर मंदिर के पुजारी और कर्मचारी भी भाव विभोर हैं।