जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 29 अगस्त से राज्य में ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए 40 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण खिलाड़ियों को खोज कर आगे लाना, उनकी प्रतिभा को तराशना, उन्हें प्रोत्साहित करना तथा आमजन में खेल भावना को बढावा देना राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक्स का मुख्य उद्देश्य है। युवाओं के साथ बुर्जुगों एवं महिलाओं ने भी बड़े स्तर पर खेलों में भाग लेने के लिए पंजीकरण करवाया है। राजस्थान में खेलों के प्रति जो माहौल बन रहा है वह अविश्वसनीय है। गहलोत ने कहा कि ग्रामीण ओलम्पिक सभी आयुवर्ग के लिए है। इन खेलों में लगभग 30 लाख खिलाड़ी भाग ले रहे हैं तथा 2 लाख टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियो की खोज कर उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाए तो वे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश एवं प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खेलों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान तैयार किए गए हैं। खिलाड़ियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है तथा प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति का निर्माण हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि खेलों के सफल आयोजन में आमजन के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि अपनी भागीदारी उत्साहपूर्वक निभाएं। 29 अगस्त से होगा राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर 29 अगस्त से 1 सितंबर, ब्लॉक स्तर पर 12 सितंबर से 15 सितंबर, जिला स्तर पर 22 सितंबर से 25 सितंबर तथा राज्य स्तर पर 2 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक प्रस्तावित है। खेलों का आयोजन खेल विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में कबड्डी (बालक/बालिका वर्ग), शूटिंग बॉल (बालक वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक/बालिका वर्ग), टेनिसबॉल क्रिकेट (बालक/बालिका वर्ग) एवं हॉकी (बालक/बालिका वर्ग) सहित 6 खेल शामिल होंगे।
राज्य में खिलाड़ियों को मिल रहा प्रोत्साहन
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड सहित राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया है। स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रूपये, रजत पदक विजेता को 50 लाख से 2 करोड़ रूपये और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख से 1 करोड़ रूपये राशि दी जा रही है। इसके अलावा एशियाई एवं राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली 30 लाख, 20 लाख एवं 10 लाख रूपये की ईनामी राशि को बढ़ाकर क्रमशः 1 करोड़, 60 लाख एवं 30 लाख रूपये किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 229 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरी दी गई है। इसके अलावा प्रशिक्षकों के लिए भी पेंशन स्कीम लागू की गई है। खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है तथा उन्हें डीएसपी स्तर तक की नौकरियां दी जा रही हैं। इससे खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हुआ है।
खेलों का आधारभूत ढ़ांचा हो रहा मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अहम फैसले लिए हैं। मेजर ध्यानचंद योजना के अंतर्गत प्रत्येक ब्लॉक में चरणबद्ध रूप से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। पैरा खिलाड़ियों के लिए जयपुर एवं जोधपुर में आवासीय पैरा खेल अकादमी का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर में हाइ परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग एंड रिहेबिलीटेशन सेंटर एवंं जोधपुर में राजस्थान स्टेट स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है। जोधपुर और जयपुर में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए पैरा एकेडमी बनने जा रही है। बीकानेर में शानदार स्टेडियम का निर्माण हुआ है। उत्कृष्ट खेल सुविधाओं का विस्तार ग्राम पंचायत स्तर तक करने का प्रयास किया जा रहा है।