केरल HC ने कहा- वैवाहिक संबंध ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ जैसे हो गए

0 247

तिरुवनंतपुरम । केरल (Kerala) में वैवाहिक संबंध (matrimonial relationship) ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ की उपभोक्ता संस्कृति से प्रभावित हैं और ‘लिव-इन’ (live-in) संबंधों व स्वार्थ के आधार पर तलाक (divorce) लेने के चयन के मामलों में बढ़ोतरी से यह साबित होता है। केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि युवा पीढ़ी विवाह को स्पष्ट रूप से ऐसी बुराई के रूप में देखती है, जिसे बिना दायित्वों के आजादी वाले जीवन का आनंद लेने के लिए टाला जाना चाहिए।

जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक और जस्टिस सोफी थॉमस की बेंच ने कहा, ‘वे (युवा पीढ़ी) ‘वाइफ’ (पत्नी) शब्द को ‘वाइज इन्वेस्टमेंट फॉर एवर’ (सदा के लिए समझदारी वाला निवेश) की पुरानी अवधारणा के बजाय ‘वरी इन्वाइटेड फोर एवर’ (हमेशा के लिए आमंत्रित चिंता) के रूप में परिभाषित करते हैं। लिव-इन संबंध के मामले बढ़ रहे हैं, ताकि वे अलगाव होने पर एक-दूसरे को अलविदा कह सकें।’

जब स्त्री और पुरुष बिना विवाह किए पति-पत्नी की तरह एक ही घर में रहते हैं, तो उसे ‘लिव-इन’ संबंध कहा जाता है। अदालत ने नौ साल के वैवाहिक संबंधों के बाद किसी अन्य महिला के साथ प्रेम संबंधों के कारण अपनी पत्नी और तीन बेटियों को छोड़ने वाले व्यक्ति की तलाक की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ‘ईश्वर की धरती’ कहा जाने वाला केरल एक समय पारिवारिक संबंधों के अपने मजबूत ताने-बाने के लिए जाना जाता था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि तुच्छ या स्वार्थ के कारण व विवाहेतर संबंधों के लिए, यहां तक ​​कि अपने बच्चों की भी परवाह किए बिना वैवाहिक बंधन तोड़ना मौजूदा चलन बन गया है।

बेंच ने कहा, ‘एक दूसरे से संबंध तोड़ने की इच्छा रखने वाले जोड़े, (माता-पिता की ओर से) त्यागे गए बच्चे और हताश तलाकशुदा लोग जब हमारी आबादी में अधिसंख्य हो जाते हैं, तो इससे हमारे सामाजिक जीवन की शांति पर निस्संदेह प्रतिकूल असर पड़ेगा। हमारे समाज का विकास रुक जाएगा। प्राचीन काल से विवाह को ऐसा संस्कार माना जाता था, जिसे पवित्र समझा जाता है और यह मजबूत समाज की नींव के तौर पर देखा जाता है। विवाह पक्षों की यौन इच्छाओं की पूर्ति का लाइसेंस देने वाली कोई खोखली रस्म भर नहीं है।

अदालत ने तलाक संबंधी पति की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालतें गलती करने वाले व्यक्ति की मदद करके उसकी पूरी तरह से अवैध गतिविधियों को वैध नहीं बना सकतीं। पीठ ने कहा कि अगर किसी पुरुष के विवाहेतर प्रेम संबंध हैं और वह अपनी पत्नी व बच्चों से संबंध समाप्त करना चाहता है, तो वह अपने अपवित्र संबंध या वर्तमान रिश्ते को वैध बनाने के लिए अदालतों की मदद नहीं ले सकता।

‘एकतरफा दूर जाने की अनुमति नहीं’
कोर्ट ने कहा, ‘कानून और धर्म विवाह को अपने आप में एक संस्था मानते हैं। विवाह के पक्षकारों को इस रिश्ते से एकतरफा दूर जाने की अनुमति नहीं है, जब तक कि वे कानून की अदालत के माध्यम से या उन्हें नियंत्रित करने वाले पर्सनल लॉ के अनुसार अपनी शादी को भंग करने के लिए कानूनी अनिवार्यताओं को पूरा नहीं कर लेते।’

इस मामले के याचिकाकर्ता की याचिका को कुटुम्ब न्यायालय ने खारिज कर दिया था, इसके बाद उसने अपनी पत्नी पर निर्दयता का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि 2009 में उसका विवाह हुआ था। 2018 तक उसके और उसकी पत्नी के वैवाहिक संबंधों में कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन बाद में उसकी पत्नी में व्यवहार संबंधी असामान्यताएं पैदा हो गईं। वह उस पर किसी से प्रेम संबंध होने का आरोप लगाते हुए झगड़ा करने लगी।

कोर्ट ने यह कहते हुए इस दावे को खारिज कर दिया कि जब किसी पत्नी के पास अपने पति की ईमानदारी व निष्ठा पर शक करने का तर्कसंगत आधार होता है। अगर वह उससे इस बारे में सवाल करती है या उसके सामने अपना गहरा दु:ख व्यक्त करती है, तो इसे असामान्य व्यवहार नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह किसी सामान्य पत्नी का प्राकृतिक मानवीय व्यवहार है। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि पत्नी का उसकी सास और याचिकाकर्ता के अन्य सभी संबंधियों ने भी समर्थन किया। याचिकाकर्ता के रिश्तेदारों ने कहा कि वह अपने पति व परिवार से प्यार करने वाली अच्छे व्यवहार वाली महिला है।

अदालत ने कहा, ‘उपलब्ध तथ्य और परिस्थितियां स्पष्ट रूप से इस बात की ओर इशारा करती हैं कि 2017 में याचिकाकर्ता के किसी अन्य महिला के साथ प्रेम संबंध हो गए। वह अपनी पत्नी व बच्चों को अपने जीवन से दूर करना चाहता है, ताकि वह उस महिला के साथ रह सके। अगर पति अपनी पत्नी व बच्चों के पास लौटने के लिए तैयार है, तो पत्नी उसे स्वीकार करने को राजी है। इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं है, जो यह दर्शाता हो कि एक सौहार्दपूर्ण पुनर्मिलन की संभावना हमेशा के लिए समाप्त हो गई है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.