दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था, पर हकीकत यह है कि भारत अभी विकासशील देश ही है: सिसोदिया

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नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने सोमवार को 118 शिक्षकों को उनके अतुलनीय कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दशकों से स्कूलों में यही पढ़ाया जा रहा है कि भारत एक विकासशील देश है। हम अक्सर अखबारों में पढ़ते है कि भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया बावजूद इसके यह हकीकत है कि भारत विकासशील देश ही है। उन्होंने कहा कि केवल अखबारों की हेडलाइन बदलने से भारत विकसित देश नहीं बनेगा,भारत विकसित देश तब बनेगा जब हम देश को उस स्तर तक ले जाए जहां टेक्स्टबुक में यह लिख सकें, बच्चों को पढ़ा सकें कि भारत एक विकसित देश है। यही हमारी असल उपलब्धि होगी और यह सपना हमारे शिक्षक पूरा करेंगे।

दिल्ली सरकार हर साल शिक्षक दिवस के अवसर पर स्टेट टीचर अवार्ड द्वारा शिक्षकों को सम्मानित करती है। इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 80 शिक्षकों तो वहीं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 24 शिक्षकों और एमसीडी स्कूलों के 12 व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 2 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 10 स्पोर्ट्स टीचर, 3 गेस्ट टीचर भी शामिल हैं।

इस दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि आजकल कुछ लोगों को इस बात से शिकायत है कि मैंने स्कूलों में ज्यादा कमरे क्यों बनवाए। ज्यादा सुविधाएं क्यों विकसित की, टॉयलेट क्यों बनवाए। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शानदार सुविधाओं वाले स्कूल तैयार किए। यदि बच्चों को शानदार सुविधाएं व शानदार पढ़ाई देना भ्रष्टाचार है तो मुझे जेल में डाल दिया जाए मुझे कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में एक शिक्षा मंत्री के रूप में मैंने तथा दिल्ली की 60,000 शिक्षकों की मेरी टीम ने जो कर दिखाया है, शिक्षा में जो क्रांति लेकर आए हैं, हर तबके के बच्चे के लिए क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित किया है। अगर यह भ्रष्टाचार है तो मैं कहूँगा कि देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को यह करना चाहिए, क्योंकि इससे देश का भविष्य संवरेगा।

सिसोदिया ने कहा की शिक्षकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी, समाज को बदलने की जिम्मेदारी होती है जो किसी और प्रोफेशन में नही है। बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षक 360 डिग्री काम करते है, लेकिन अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वो बच्चों में देश को सर्वश्रेष्ठ बनाने का जुनून पैदा करें। हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चा अपने मन में यह सपना पाले की उसे भारत को दुनिया का नंबर 1 देश बनाना है।

सिसोदिया ने कहा कि इस शिक्षक दिवस पर हम सभी मिलकर एक प्रण लेते है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले और अच्छी शिक्षा का अर्थ यह हो कि देश का हर एक बच्चा यह सपना देखे कि उसे देश को नंबर 1 बनाए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के स्कूलों में लगभग 44 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, यदि हमारे शिक्षक उनके दिलो में देश को नंबर 1 बनाने का सपना तैयार करें तो विश्व की कोई भी ऐसी ताकत नहीं होगी जो भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनने से रोक सकें।

गौरतलब है कि सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों में स्पेशल एडुकेटर, म्यूजिक और आर्ट टीचर, लाइब्रेरियन, मेंटर टीचर, स्पोर्ट्स टीचर और वोकेशनल टीचर शामिल थे। पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए, स्कूली दौरों के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पर्यवेक्षण के आधार पर शिक्षा में अनुकरणीय कार्य करने वाले शिक्षकों को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए। इनमे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर की अध्यापिका किरण बाला व एसकेवी पीरागढ़ी की परमिंदर कौर शामिल है। इस साल से फेस ऑफ डीओई अवार्ड संजय प्रकाश शर्मा और शीतल को दिया गया। फेस ऑफ डीओई अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने कला, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में रचनात्मकता का प्रदर्शन करने के लिए अपने स्टूडेंट्स को सक्षम बनाया है और एक्सीलेंस पाने में उनकी मदद की है।

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