अमित शाह के बिहार दौरे पर सियासत तेज, सत्ता पक्ष और विपक्ष आपने-सामने

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पटना । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर अब सियासत गर्म है। बिहार की सत्ताधारी पार्टी जहां उनके बिहार दौरे को बेकार बता रही है। वहीं भाजपा सत्ता पक्ष पर अनर्गल प्रलाप का आरोप लगा रही है।

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ बड़े भाई ‘ और ‘छोटे भाई ‘ दोनो सूर्यास्त की ओर बढ़ गए हैं, अब बिहार में भाजपा का पूर्ण उदय होगा।

सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा ने लालू प्रसाद को आगे बढ़ाया था, लेकिन वे भी कांग्रेस से मिल लिए, लालू प्रसाद के जंगल राज से बिहार को मुक्त कराने के लिए नीतीश कुमार को आगे बढ़ाया लेकिन ये भी अपने बड़े भाई की राह पर चल दिए।

उन्होंने कहा कि दोनों भाई अब अंतिम चरण की राजनीति की ओर जा रहे हैं। कहा जाता है कि नेचर और सिग्नेचर नहीं बदलता, इस कारण उनके उत्तराधिकारी पर बिहार की जनता को पहले से ही विश्वास नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिहार और सीमांचल के दर्द को भाजपा नजदीक से महसूस की है।

भाजपा के नेता ने इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में सबसे पहले जदयू के नेता को प्रधानमंत्री बनने का सपना आया था, इसके बाद इस साल वह सपना फिर दिखाई देने लगा।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि उनके सपने देखने का परिणाम यह हुआ कि कई राज्यों के उनके अपने विधायक उनका साथ छोड़कर चल दिए। कई राज्यों में तो जदयू का कोई नामलेवा तक नहीं बचा है।

इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि ये लोग बेचैनी- बहदवासी में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अमित शाह आज की युवा पीढ़ी के महान नेता हैं जिन्होंने जम्मू- कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने का ऐतिहासिक काम किया। निजी, जेबी और परिवारवादी पार्टी के सभी बड़े नेता अमित शाह के सामने हलके और बौने हैं।

आनंद ने विपक्षी नेताओं द्वारा भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर अनर्गल टिप्पणी का प्रतिवाद करते हुए कहा है कि गृह मंत्री के बिहार दौरे पर आने से विपक्षी महाठगबंधन के नेता हैरान-परेशान होकर बड़े तकलीफ में नजर आ रहे हैं। कुछ के पेट में, कुछ के माथे में दर्द है, कुछ लोग छाती पीट रहे हैं। हाय- तौबा मचाते हुए, ये सारे विपक्षी नेता बेचैनी- बहदवासी में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित बड़े नेता जेपी आंदोलन का हवाला देकर कह रहे हैं कि गृह मंत्री की उम्र उस वक्त 10 साल की थी। यह किसको नहीं पता है की अमित शाह आज युवा पीढ़ी के महान नेता हैं।

इससे पहले बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को अपने गृह जिला गोपालगंज पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार काम की बातें करने नहीं आए थे बल्कि सिर्फ बेकार की बातें करने आए थे।

गोपालगंज में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अमित शाह को बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विशेष पैकेज देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ? बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का और उनको नौकरी देने की बात करनी चाहिए थी।

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