उज्जैन । मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक के पहले चरण का 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करने वाले हैं। यह स्थान पुराण में दर्ज कहानियां सुनाने वाला होगा, क्योंकि यहां देवी देवताओं की और विभिन्न ²ष्टांताओं से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। भगवान शिव से जुड़ी महाभारत, वेद और स्कंद पुराण में जिन कहानियों और कथाओं का उल्लेख है, उनके आधार पर महाकाल लोक में प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। कुल मिलाकर देखें तो यह कहानियां यहां जीवंत हो जाएंगी। यहां इतिहास और वर्तमान का अद्भुत संगम है। एक तरफ जहां संस्कृत के मंत्रों को उकेरा गया है, वहीं प्रतिमाओं पर बारकोड भी बनाया जा रहा है, जिसके जरिए पूरी कहानी को जाना जा सकेगा।
जो मूर्तियां तैयार की गई है उनमें भगवान महादेव द्वारा त्रिपुरासुर वध को रेखांकित किया गया है तो इसी तरह गजानन को मूर्तियों को ऐसा स्वरूप दिया गया है जिनमें वे नृत्य करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा रावण की महादेव को प्रसन्न करने के लिए किए गए कठोर तप का भी रेखांकन किया गया है, इसके साथ ही सप्त ऋषि की मौन धारण किए प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। रावण ने कैलाश पर्वत को सिर पर उठाया है और इस पर्वत पर शिव जी का परिवार विराजमान है।
लगभग साढ़े 20 हेक्टेयर में बने महाकाल प्रांगण की विशेषता यह है कि यहां आने पर किसी भी तरह के गाइड की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह मूर्तियां स्वयं कहानी बताती नजर आएंगी, जिनमें इतिहास की जानकारी पूरी होगी, इसके लिए हर प्रतिमा के सामने एक बार कोड होगा। जिससे मोबाइल से स्कैन करते ही छोटी बड़ी जानकारी मोबाइल की स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। इससे नई पीढ़ी को प्राचीन कथाओं की जानकारी आसानी से सुलभ हो जाएगी।