नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, आज जम्मू की डिप्टी कमिश्नर ने नए वोटर्स के रजिस्ट्रेशन (Ragistration) को लेकर सभी तहसीलदारों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है और सभी तहसीलदारों से यह भी कहा है कि एक साल से अधिक समय से जम्मू में रहने वाले व्यक्तियों को मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए जरुरी रूप से वेरिफाई करें।
इसके साथ ही उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि उन्हें जल्द ही जम्मू और कश्मीर का निवास प्रमाण पत्र भी जारी करें। दरअसल इस प्रमाण पत्र जारी करने का मकसद उन लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना है, जो रजिस्ट्रेशन में परेशानियों का भी सतत सामना कर रहे हैं।
दरअसल केंद्र शासित इस प्रदेश में नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने, सुधारने और जगह छोड़कर जा चुके या गुजर चुके मतदाताओं के नाम हटाने को लेकर विशेष संशोधन कि प्रक्रिया अभी चल रही है। वहीं बीते मंगलवार को जारी आदेश में जिला निर्वाचन आधिकारी और उपायुक्त अवनी लवासा ने उन दस्तावेजों की सूची भी जारी की है, जिन्हें निवास के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है।
ये दस्तावेज किए जा सकते हैं जमा
एक साल के लिए पानी/बिजली/गैस कनेक्शन।
रहवासी का आधार कार्ड।
राष्ट्रीयकृत/अनुसूचित बैंक/पोस्ट ऑफिस की मौजूदा पासबुक।
रहवासी का भारतीय पासपोर्ट।
रहवासी के जमीन के मालिकाना हक का किसान बही समेत राजस्व विभाग का रिकॉर्ड।
रहवासी अगर किरायेदार हैं, तो रजिस्टर्ड रेंट या लीज डीड।
रहवासी का अगर खुद का घर है, तो उसकी सेल डीड।
फील्ड वेरिफिकेशन जरुरी
हालाँकि खास बात है कि दिशानिर्देशों में यह भी साफ़ कहा गया है कि, नए वोटर के रजिस्ट्रेशन में इन दस्तावेजों के अलावा निवास के अन्य प्रमाण पत्र भी स्वीकार होंगे। हालांकि, ऐसे मामलों में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर की तरफ से अधिकार प्राप्त अधिकारी को तब जरुरी फील्ड वेरिफिकेशन करना होगा।
गौरतलब है कि यह निर्देश ऐसे समय पर जारी हुआ है, जब BJP को छोड़कर लगभग सभी छोटे-बड़े राजनीतिक दल गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल करने को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं। बीते अगस्त में मामले पर तब तत्कालीन CEO हृदेश कुमार ने कहा था कि मतदाता सूची के विशेष संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर में करीब 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के शामिल होने की अपार संभावना है।