कौन होगा अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार का ऑफिशियल कैंडिडेट? अटकलों पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया ये जवाब

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नई दिल्‍ली : कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव (congress president election) जैसे-जैसे करीब आ रहा है, अफवाहों का एक अलग बाजार भी सक्रिय होता दिख रहा है. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की उम्मीदवारी का समर्थन खुद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने किया है. यहां तक कहा जा रहा है कि सोनिया के कहने पर ही मल्लिकार्जुन मैदान में उतरे हैं. अब इन तमाम अटकलों पर खड़गे ने दो टूक जवाब दे दिया है. साफ कहा गया है कि उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसी बातें की जा रही हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि किसी ने ऐसी अफवाह फैला दी है, उदेश्य सिर्फ पार्टी की बदनामी करना है. सोनिया गांधी ने साफ कहा था कि वे अध्यक्ष पद के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने वाली हैं. वे किसी उम्मीदवार के समर्थन में भी नहीं उतरने वाली हैं. सोनिया ने मेरे नाम का सुझाव दिया, ये भी गलत है. मैंने कभी भी ऐसा नहीं कहा. उनकी तरफ से शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि इस बार गांधी परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगा.

अब मल्लिकार्जुन खड़गे को ये सफाई उस समय पेश करनी पड़ रही है जब लगातार ऐसे दावे हो रहे हैं कि उनकी जीत पहले से सुनिश्चित है. यहां तक कहा जा रहा है कि खुद गांधी परिवार भी खड़गे की उम्मीदवारी का समर्थन करता है. लेकिन अब मल्लिकार्जुन ने आगे आकर इन तमाम बातों को सिर्फ अफवाह बताया है. उनके बयान ने साफ कर दिया है कि गांधी परिवार की तरफ से इस चुनाव में कोई भी ऑफिशियल उम्मीदवार नहीं उतारा गया है, जो भी मैदान में इस समय है, वो अपनी इच्छा से खड़ा हुआ है.

वैसे मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने समर्थन में वोट जुटाने के लिए बड़े वादे करना शुरू कर दिया है. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐलान किया था कि अगर चुनाव में वे जीत जाते हैं तो पार्टी के 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के नेताओं की नियुक्ति की जाएगी. उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया कि उदयपुर डिक्लेरेशन को पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.

दावे तो शशि थरूर की तरफ से भी किए जा रहे हैं. उन्हें खड़गे की तुलना में कम नेताओं का समर्थन जरूर मिल रहा है, लेकिन पार्टी में बड़े बदलावों की पैरवी वे भी लंबे समय से करते आ रहे हैं. जी 23 गुट के साथ सक्रिय रूप से काम कर चुके थरूर जोर देकर कह रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूती के साथ उतरे, उनका ये उदेश्य रहने वाला है. उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि खड़गे और वे दोस्त हैं, सिर्फ विचारों में और काम करने के अंदाज में फर्क है. खड़गे की तरह वे भी उन दावों को नकार रहे हैं जहां ऑफिशियल कैंडिडेट वाली बात कही जा रही है. अब कौन कांग्रेस का अगला अध्यक्ष बनने वाला है, 19 अक्टूबर को ये स्पष्ट हो जाएगा. 17 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 19 को नतीजे सभी के सामने होंगे.

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