नई दिल्ली: ब्रिटेन की सरकार (UK government) ने मंगलवार को कहा कि वह चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) के जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों (former British military pilots) की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटेन के 30 पूर्व सैन्य पायलट चीन की सेना के सदस्यों को प्रशिक्षित करने गए हैं और इस तरह के भर्ती अभियानों के खिलाफ रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) और अन्य सशस्त्र बल (armed forces) के अधिकारियों को गोपनीय सूचना देकर सतर्क किया जा रहा है.
भर्ती प्रक्रिया ब्रिटेन के मौजूदा कानूनों का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक इस तरह की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा. मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, हम चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं.
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता कहा, सभी सेवारत और पूर्व अधिकारी पहले ही सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं और हम रक्षा क्षेत्र में गोपनीयता अनुबंधों और खुलासा नहीं करने संबंधी समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक मौजूदा समेत समकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा.
सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पे ने स्काई न्यूज से कहा कि चीन के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए ब्रिटिश पायलटों की भर्ती कई साल से रक्षा मंत्रालय के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. उन्होंने कहा कि चीन में पहले से मौजूद कर्मियों से संपर्क किया गया है और इस तरह के काम को जारी न रखने की सलाह दी गई है.
वहीं एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 30 मुख्य रूप से एक्स-फास्ट जेट और कुछ हेलीकॉप्टर पायलट भी – लगभग £ 240,000 के वार्षिक वेतन के लालच में चीन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पायलटों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. अधिकारी ने इसे सिक्योरिटी ब्रीच बताया है. स्थिति इतनी गंभीर है, रक्षा मंत्रालय की रक्षा खुफिया सेवा ने मंगलवार को इस तरह के मामलों के खिलाफ सेवारत और पूर्व सैन्य कर्मियों को चेतावनी देने के थ्रेट अलर्ट जारी किया है.