कलकत्ता हाईकोर्ट सोमवार को एलईटी आतंकवादी की मौत पर विवाद का फैसला करेगा

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कोलकाता: सोमवार को सभी की निगाहें कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जोमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अनन्या बंद्योपाध्याय की खंडपीठ पर होंगी, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी शेख अब्दुल नईम को दी गई मौत की सजा पर अपना फैसला सुनाएगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड के अनुसार बेंच सोमवार को दोपहर 1.20 बजे अपना फैसला सुनाएगी। 2007 में नईम को उसके कुछ सहयोगियों के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पकड़ा था, जब वह उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव उप-मंडल में बेनापोल-पेट्रापोल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था। उसे बड़ी मात्रा में विस्फोटकों के साथ पकड़ा गया था।

जांच से पता चला कि नईम और उसके सहयोगी देश के विभिन्न हिस्सों में विनाशकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों का उपयोग करने की योजना बना रहे थे। बनगांव में अतिरिक्त जिला अदालत द्वारा उन पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें मौत की सजा दी गई। बाद में नईम पर अन्य मामलों में भी मुकदमा चलाया गया था, उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। वहां से उसने अपनी मौत की सजा को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील की। हैरानी की बात यह है कि नईम ने किसी वकील को नियुक्त करने के बजाय खुद ही मामले की पैरवी की।

उसे वर्तमान में कोलकाता में प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह में रखा गया है। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद खंडपीठ सोमवार को फैसला सुनाएगी जो नईम के भाग्य का फैसला करेगा।

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