नई दिल्ली । भारत सरकार का आयकर विभाग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए भारत से प्राप्त विदेशी धन का विवरण साझा करना अनिवार्य कर सकता है और अगले वित्तवर्ष में इसे कर योग्य और गैर-कर योग्य आय में विभाजित कर सकता है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, एनआरआई को भी निर्देश दिया जा सकता है कि वे अपने भारतीय व्यापार कनेक्शन का खुलासा करें और प्रकृति और यहां तक कि ठिकाने के बारे में विस्तार से बताने के लिए कहा जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आयकर विभाग उस व्यक्ति के मामले में भी विवरण मांग सकता है, जिसने पिछले मालिक से पूंजीगत संपत्ति प्राप्त की थी और जिसे पूंजीगत लाभ से छूट दी गई थी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ऐसे मामले में पूंजीगत संपत्ति प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पूंजीगत संपत्ति की बिक्री पर पिछले मालिक के विवरण की रिपोर्ट करने के लिए कहा जा सकता है।