चंडीगढ़: पंजाब में हथियारों के लाइसेंस के दुरुपयोग को लेकर पुलिस द्वारा शुरू की गई मुहिम के तहत फिरोजपुर में 666 हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है. इनमें वे लोग शामिल हैं, जिनके खिलाफ या तो एफआईआर दर्ज की जा चुकी है या फिर जिनके हथियार मालखाने में जमा करवा दिए गए हैं.
जिले में 21,430 शस्त्र लाइसेंस धारक
एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा कि जिले में कुल 21,430 शस्त्र लाइसेंस धारक हैं और पुलिस द्वारा अब तक 7,258 के लाइसेंस स्कैन किए गए हैं और विभिन्न कारणों से 666 लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है. सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन को लेकर अब तक पांच प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके अलावा एक अन्य हेट स्पीच के लिए दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि हमने इन सभी मामलों में शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है.
डीसी अमृत सिंह ने कहा कि जीरा अनुमंडल के मंसूरवाला गांव में एथेनॉल प्लांट के सामने बैठे 21 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, जिसमें तीन मामलों में लाइसेंस रद्द किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे 326 मामलों की पहचान की गई है, जहां हथियार मालखाना में जमा किए गए हैं या लंबे समय से एक हथियारों के डीलर के पास पड़े थे और इन मामलों में लोगों को नोटिस दिए गए थे.
पंजाब में लगभग 3.45 लाख शस्त्र लाइसेंस
गौरतलब है कि आईजी सुखचैन सिंह गिल ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि आत्मरक्षा के लिए हथियार ले जाने की अनुमति है लेकिन महिमामंडन के लिए नहीं. गिल ने कहा कि पूरे पंजाब में लगभग 3.45 लाख शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए हैं, लेकिन नए केवल जरूरत के आधार पर ही जारी किए जाएंगे. गिल ने कहा कि पुलिस तीन महीने के भीतर आर्म्स एक्ट के तहत हथियारों का पूरा सत्यापन करेगी. आईजी ने बताया कि ऐसे कई लाइसेंस रद्द किए गए हैं जहां 2019 में आर्म्स एक्ट में संशोधन के बाद लाइसेंसधारी एक साल की अवधि के भीतर लाइसेंस पर तीसरा या चौथा हथियार जमा करने में विफल रहा था.