मारिया टेल्कस की 122वीं बर्थ एनिवर्सरी पर गूगल ने बनाया डूडल, जाने इन्हें क्यों कहा जाता है ‘द सन क्वीन’
मुंबई : गूगल डूडल में के होमपेज परआज सौर ऊर्जा वैज्ञानिक मारिया टेल्कस (Mária Telkes) के सम्मान में एक एनिमेटेड डूडल (Google Doodle) दिखाई दे रहा है। आज यानी 12 दिसंबर को मारिया टेल्कस की 122वीं बर्थ एनिवर्सरी है। (Mária Telkes Birth Anniversary) है। इनका जन्म आज ही के दिन साल 1900 को बुडापेस्ट के हंगरी शहर में हुआ था। तो चलिए आज हम आपको इनके बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।
मारिया टेल्कस को ‘द सन क्वीन’ (The Sun Queen) के नाम से भी जाना जाता है। मारिया ने साल 1924 में यूनिवर्सिटी ऑफ बुडापेस्ट (University of Budapest) से पीएचडी सहित साइंस में पूरी तरह से शिक्षा प्राप्त किया था। बता दें द सन क्वीन ने कुछ वक्त MIT के साथ काम किया था। उस समय ठंड के दौरान घर को गर्म रखने के लिए मरिया ने एक प्रोजेक्ट में भाग लिया, लेकिन उनका प्रयोग फेल होने की वजह से उन्हें सोलर एनर्जी टीम से हटा दिया गया था।
ऐसा होने के बाद भी मरिया ने हार नहीं मानी और मरिया इस समस्या का हल ढूंढने में खुद ही जुट गई। इतना ही नहीं बल्कि साल 1948 में उन्होंने आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ मिलकर ऐसी प्रणाली तैयार की, जो सूरज की रोशनी की गर्मी से दीवारों को गर्म रख सकती है। साथ ही उन्होंने एक ऐसा ओवन भी तैयार किया, जो सोलर एनर्जी से चलता था।
इसलिए कहा जाता है ‘द सन क्वीन’
गौरतलब है कि मारिया ने किसानो के लिए भी एक नया ओवन तैयार किया। मरिया द्वारा तैयार किये गए ओवन से किसान अपनी फसलों को आसानी से सुखा सकते थे। आपको बता दें कि मारिया टेल्कस इतने इनोवेशन के बाद उनको ‘द सन क्वीन’ कहा जाने लगा। जो आज भी अपने इनोवेशन की वजह से जानी जाती हैं।