कमल नाथ का बड़ा दांव: प्रदेश में सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना बहाल और पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश लागू

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भोपाल:मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस ने एक बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यदि वह सूबे की सत्ता में आई तो पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर देगी। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने पर वह पुरानी पेंशन योजना वापस लाएगी। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन योजना की जगह एक नई योजना लाई थी। मध्य प्रदेश ने भी इस विकल्प को चुना था। वहीं भाजपा ने कमलनाथ के बयान पर तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सोमवार को पुलिसकर्मियोें के लिए साप्ताहिक अवकाश योजना को लागू करने की घोषणा की है। इसके पहले वे पुरानी पेंशन बहाली, किसानों की ऋण माफी योजना को लागू करने की बात कह चुके हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए वचन पत्र तैयार किया जा रहा है। विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति कर्मचारी संगठनों से उनका पक्ष जान चुकी है। व्यापारी, किसान, युवा, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ वर्ग सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों और प्रबुद्धजनों से संवाद किया जा रहा है। 2018 के चुनाव से पहले जो वचन पत्र जारी किया गया था और 125 माह में सरकार गिरने की वजह से पूरा नहीं हो पाया था, उसके बिंदु भी 2023 के वचन में शामिल किए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का कहना है कि शिवराज सरकार ने कांग्रेस के समय में लागू हुई ऋण माफी योजना को बंद कर दिया है।

कमलनाथ ने सुबह में ट्वीट किया कि शिवराज (सिंह चौहान) सरकार द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही फिर से बहाल किया जाएगा। वहीं भाजपा ने इस घोषणा पर करारा पलटवार किया। भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने इस घोषणा को महत्व नहीं देते हुए कहा कि कमलनाथ का इतिहास वादों को पूरा नहीं करने का रहा है। कमलनाथ चुनाव से पहले किये गये वादों से मुकरने के लिए जाने जाते हैं, जो मध्य प्रदेश में उनके 15 महीने के शासन के दौरान दिखा।

रजनीश अग्रवाल ने कहा कि लोगों ने देखा है कि कैसे कमलनाथ सत्ता में आने के बाद बदल गये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई कदम उठा रहे हैं और सभी वादों को पूरा कर रहे हैं। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कमलनाथ ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाएं रोक दी थीं। कमलनाथ की घोषणा का स्वागत करते हुए ‘नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम’ की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख परमानंद देहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान को भी इसी तरह की एक घोषणा करनी चाहिए।

परमानंद देहरिया ने कहा कि हम कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख का शुक्रिया अदा करते हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आगामी बजट सत्र में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने का अनुरोध करते हैं। हमारा संगठन इस विषय को लेकर लगातार प्रदर्शन करता रहा है। राज्य में तत्कालीन भाजपा सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना रद्द कर दी थी, जो एक जनवरी 2005 से प्रभावी हुई थी। सनद रहे कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा वादा किया था जहां चुनाव में उसे बड़ी सफलता हाथ लगी है।

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