भारत और चीन के सैनिकों में हुई झड़प, डंडों से कर दी कुटाई

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नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों के मध्य अरुणाचल के तवांग स्थिति वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई मुठभेड़ का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय भी बन चुका है। अब संयुक्त राष्ट्र ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रख दिया है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने की बात भी कही है। UN प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक से जब भारत और चीन के बीच टकराव की खबरों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस बारें में बोला है कि “हमें मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स मिली हैं। हम दोनों देशों से तनाव को कम करने के लिए कहेंगे। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इलाके में तनाव न बढ़े।”

मीडिया में इंडिया और चीन के सैनिकों के मध्य झड़प की खबरों के आने के उपरांत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर बयान भी दे डाला है। उन्होंने इस बारें में बोला था, “भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक जख्मी हो चुके है।” रक्षा मंत्री ने कहा है कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके बदलने की चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कोशिश को विफल कर दिया। राजनाथ ने कहा है था कि मुठभेड़ में किसी जवान की जान नहीं गई और कोई गंभीर रूप से जख्मी भी नहीं हुआ।

दूसरी तरफ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक पत्रकार वार्ता में बोला था कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य जरियों से सीमा से जुड़े मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए हुए रखा । उन्होंने कहा था कि इंडिया से लगी सीमा पर फिलहाल हालात स्थिर हैं। गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के उपरांत दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प रही।

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