भारतीय सशस्त्र बल हमेशा किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार: पूर्व सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे
नई दिल्ली: भारत और चीन (India-China Clash) के बवाल पर पुरे देश में गुस्से के माहौल है। वहीं पूर्व सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narvane) ने अब इस घटना को लेकर चीन पर जमकर हमला बोला है। भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने इस बात पर जोर देते हुए कि, भारत दुनिया भर में हो रहे सभी विकासों से अवगत है, भारतीय सशस्त्र बल हमेशा किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि, “एक देश के रूप में एक राष्ट्र के रूप में और एक सेना के रूप में, हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं… ऐसा नहीं है कि हम किसी भी समय तैयार नहीं होते हैं…संभावित खतरों की सराहना एक सतत प्रक्रिया है, खुफिया जानकारी हमेशा होती है कि कौन जुटा रहा है कैसे जुटा रहा है। चीन की ओर से जिस तरह की लामबंदी हुई है, वह युद्ध का संकेत नहीं है।
युद्ध रातों रात नहीं होता
युद्ध होने वाले संकेतों के बारे में विस्तार से बताते हुए, पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, “किसी देश के युद्ध में जाने के लिए, राजनयिक और आर्थिक स्तर पर कई और संकेत होंगे।” एक तो यह आपके तेल के भंडार को रोकेगा, आपके भोजन पर, और उस आपूर्ति लाइनों में व्यवधान को पूरा करेगा, इस प्रकार के संकेत छह महीने पहले से आने शुरू हो जाते हैं या आठ महीने… युद्ध रातों रात नहीं होता है।
इनपुट के लिए खुफिया एजेंसियों की सराहना करते हुए नरवणे ने कहा, “हां, हमें अपने बलों और खुफिया एजेंसियों को छूट देनी चाहिए। हम खुफिया जानकारी में बहुत अच्छे हैं और हम जानते हैं कि क्या हो रहा है। उपग्रहों के साथ प्रौद्योगिकी के युग में और सभी बहुत अच्छी तरह से एक-दूसरे को जानते हैं।”
गली के गुंडों की तरह ओछा बर्ताव करता है चीन
इससे पहले नरवणे ने कहा कि, चीन हर साल 2-3 बार ऐसी शर्मनाक हरकतें इसी तरह की करता ही है। उन्होंने यह भी कहा कि 21वीं सदी में भी आज भी चीन की PLA ऐसे ही गली के गुंडों की तरह ओछा बर्ताव करता है।
9 दिसंबर को हुई झड़प
गौरतलब है कि, भारत के तवांग सेक्टर में PLA जवानों को खदेड़े जाने के बाद से चीन बुरी तरह से बौखलाया हुआ है। पता हो कि भारतीय जवानों ने चीन के सैनिकों को यहां से बुरी तरह से धुन कर उन्हें खदेड़ बाहर किया था। वहीं बीते 9 दिसंबर को हुई इस झड़प में चीन के कई जवान भी बुरी तरह घायल हुए थे और कुछ भारतीय जवानों को भी इस घटना में हल्की-फुल्की चोटें आई थीं।