नई दिल्ली: चीन में कोरोना का कहर जारी है. हर दिन नए मामलों में इजाफा हो रहा है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मेडिकल स्टोर्स पर दवाओं की कमी देखी जा रही है. चीन में कोरोना से हालात नियंत्रण से बाहर दिखाई दे रहे हैं. चीन के अलावा अमेरिका और जापान जैसे देशों में भी कोविड के मामले और मौतें बढ़ रही है. इससे भारत भी अलर्ट मोड पर आ गया है. लोगों की चिंता सता रही है कि कहीं भारत में भी चीन जैसे हालात न हों और यहां फिर से लॉकडाउन की स्थिति न बन जाए. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोरोना से खतरा नहीं होगा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. अनिल गोयल का कहना है कि भारत में 95% आबादी का टीकाकरण हो चुका है, इसलिए देश को लॉकडाउन में नहीं रखा जाएगा . भारतीयों में चीन के लोगों की तुलना में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली है. भारत को अब COVID से बचाव के जो तरीके हैं उनका पालन करना चाहिए. इसके तहत टेस्टिंग और ट्रेसिंग को बढ़ाने की जरूरत है.
महामारी विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार का कहना है कि भारत में ओमिक्रॉन का bf.7 वेरिएंट कई महीनों से मौेजूद है. इससे यहां फ्लू जैसे लक्षण ही दिखने को मिले हैं. ये वेरिएंट चीन की तरह भारत के लिए खतरनाक नहीं होगा, हालांकि फिर भी जरूरी है कि लोग कोविड को लेकर अब सतर्क रहें. बाहर जाते समय मास्क लगाएं और हाईजीन का ध्यान रखें.
भारत में टीकाकरण भी तेजी से हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अब तक कोविड टीके की 220.03 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. चीन की तुलना में वैक्सीनेशन काफी अच्छा है. भारत में कोविड के खिलाफ इम्यूनिटी मौजूद है. साथ ही ओमिक्रॉन के सभी वेरिएंट यहां पहले ही आ चुके हैं. ऐसे में पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
कोविड में हो रहे म्यूटेशन या किसी नए वेरिएंट की पहचान के लिए देश में जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाई जा रही है. सभी राज्यों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालाय की एक बैठक हुई थी, जिसके बाद लोगों को कोविड को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है. मास्क का उपयोग करने और बूस्टर खुराक लगवाने की सलाह दी गई है. साथ ही एयरपोर्ट पर जांच भी बढ़ा दी गई है.