नई दिल्ली : भारत और चीन (China) के सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प पर अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की बात कही. अमेरिका के सांसदों ने कहा कि भारत के खिलाफ चीन की हालिया आक्रामकता भारत-अमेरिका (Indo-US) के संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देती है. चीनी और भारतीय सैनिक के बीच 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में झड़प हुई थी.
जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद ये पहली बड़ी झड़प थी. इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों ने एक बयान में कहा कि अरुणाचल प्रदेश में चीन की ताजा आक्रामकता इस बात की याद दिलाती है कि भारत के साथ मजबूत सुरक्षा साझेदारी अमेरिका और हमारे सहयोगियों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है. सह-अध्यक्षों ने कहा कि ये घटना भारतीय क्षेत्र में एक बार फिर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के खतरे का संकेत है, जिसमें 2020 में एलएसी पर चीन की पूर्व-निर्धारित आक्रामकता के कारण भारत के लगभग 20 सैनिक शहीद हुए थे.
इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में, हमने अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए वर्षों तक काम किया है. प्रतिनिधि सभा की ओर से पारित वित्त वर्ष 2023 NDAA में खन्ना-शर्मन-श्वेइकर्ट संशोधन को शामिल करके इंडिया कॉकस ने इस दिशा में प्रगति की है. इसमें चीन से होने वाले तात्कालिक और गंभीर क्षेत्रीय सीमा खतरों का जिक्र किया गया है.
सह-अध्यक्षों ने वित्त वर्ष 23 की अंतिम सम्मेलन रिपोर्ट में सेक्शन 1260 को शामिल करने की सराहना की ताकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता व अतिक्रमण को रोकने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सैन्य सहयोग को मजबूत किया जा सके. बयान में आगे कहा गया कि अमेरिका (America) और भारत (India) दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में एक अद्वितीय बंधन साझा करते हैं. कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में हम अपने सुरक्षा जुड़ाव और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना जारी रखेंगे.