नई दिल्ली: पड़ोसी देश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन-ब-दिन चरमराती जा रही है। एक तरफ विदेशी मुद्रा भंडार की कमी होती जा रही है तो दूसरी तरफ लोग बुनियादी जरूरतों के लिए भी तरसने लगे हैं। पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों को जरूरी सुविधाएं देने में विफल साबित हो रही हैं, तभी तो लोग वहां जान हथेली पर रख कुकिंग गैस (LPG) प्लास्टिक बैग में भरने को मजबूर हो गए हैं।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ऐसा ही दृश्य सामने आया है, जहां लोग रसोई गैस सिलिंडर नहीं मिल पाने की सूरत में लोग प्लास्टिक की थैलियों में रसोई गैस भरने, उसे स्टोर करने और ले जाने को मजबूर हुए हैं। यह भले ही भयावह हो लेकिन पाकिस्तान का नया सच है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले में लोगों को 2007 से गैस कनेक्शन नहीं दिया गया है,जबकि हंगू शहर पिछले दो सालों से गैस कनेक्शन से वंचित है क्योंकि गैस ले जाने वाली पाइपलाइन टूटने के बाद से ही ठीक नहीं हुई है।
ऐसे में लोग एक कंप्रेसर की मदद से प्लास्टिक बैग में रसोई गैस भरने को मजबूर हैं। गैस विक्रेता वहां एक नोजल और वाल्व की मदद से प्लास्टिक बैग में एलपीजी भरते हैं। प्लास्टिक बैग में तीन से चार किलो गैस भरने में करीब एक घंटे का समय लगता है।
विडंबना यह है कि 2020 में खैबर पख्तूनख्वा के क्षेत्र से लगभग 85 बैरल तेल और 64,967 मिलियन क्यूबिक फीट गैस निकाली गई थी। इसके बावजूद वहां के लोग प्लास्टिक की थैलियों में 500 से 900 रुपये में तीन से चार किलो गैस खरीदने को मजबूर हैं। बता दें कि वहां कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत करीब 10,000 पाकिस्तानी रुपये है।