मोदी सरकार ने पाक हिंदुओं के लिए बड़ा उठाया स्वागत योग्य बड़ा कदम

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नई दिल्ली: पाकिस्तानी हिंदुओं की एक ख्वाहिश पूरी करने में नरेंद्र मोदी सरकार बड़ी मदद करने जा रही है. दरअसल, पाकिस्तान में कई हिंदुओं की अंतिम ख्वाहिश थी कि मरने के बाद उनकी अस्थियों को पवित्र गंगा नदी में विसर्जित किया जाए. लेकिन उनके परिवार के लोगों के लिए अस्थियां लेकर पाकिस्तान से भारत आना आसान नहीं है. ऐसे में अब नरेंद्र मोदी सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसके जरिए वे सभी परिवार अपने लोगों की अस्थियों की लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार आ सकेंगे और अस्थियों को धार्मिक क्रियाओं के अनुसार पवित्र गंगा में विसर्जित कर सकेंगे.

नरेंद्र मोदी सरकार की स्पॉन्सरशिप पॉलिसी में संशोधन के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब 426 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियों को उनके परिवार के लोगों के द्वारा हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा. वर्तमान में ये अस्थियां कराची के कुछ मंदिरों और श्मशान घाटों और अन्य जगहों पर रखी हुई हैं.

मालूम हो कि हिंदू धर्म में किसी भी इंसान की मौत के बाद उसकी अस्थियों को गंगा नदी में विसर्जित करना अच्छा माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अगर अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाता है तो ऐसा करने से उनकी आत्मा को स्वर्ग जाने का रास्ता मिल जाता है और वे पुनर्जन्म की क्रिया से भी बच जाते हैं.

पाकिस्तानी हिंदुओं को मिलेगा 10 दिनों का वीजा!
अभी तक अगर किसी पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु को भारत आना होता है तो बिना प्रायोजन उसे आने की अनुमति नहीं दी जाती थी. लेकिन अब नरेंद्र मोदी सरकार उन सभी हिंदू परिवारों को 10 दिनों का भारतीय वीजा मुहैया कराएगी, जो अपने परिवार के सदस्यों की अस्थियों को गंगा नदी में विसर्जित करना चाहते हैं.

मालूम हो कि साल 2011 से साल 2016 तक 295 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियां वाघा बॉर्डर पर भारत भेजी गईं. लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब मृतक के परिवार का ही कोई सदस्य अस्थियों को लेकर हरिद्वार तक जाए. नरेंद्र मोदी सरकार का यह कदम स्वागत योग्य बताया जा रहा है.

अभी तक सिर्फ आशा ही थी, अब सच होगा
काफी संख्या में पाकिस्तानी हिंदू ऐसे थे, जिनकी मौत होने के बाद उनका अंतिम संस्कार तो कर दिया गया, लेकिन उनकी अस्थियों को मंदिरों या श्मशान घाट में सुरक्षित रख लिया गया. इन मृतकों के परिवारों को उम्मीद थी कि एक दिन वे अपनों की अस्थियों को लेकर हरिद्वार जरूर जा पाएंगे.

क्या है भारत सरकार का नियम, जिससे होती है रुकावट?
भारत सरकार की पॉलिसी के अनुसार, मृतक पाकिस्तानी हिंदू के परिवार के किसी सदस्य को भारत आने के लिए तभी वीजा दिया जाएगा, जब कोई उनका भारत में रहने वाला रिश्तेदार या करीबी उन्हें स्पॉन्सर करे. ऐसे में काफी कम ही ऐसे पाकिस्तानी हिंदू हैं, जिनके रिश्तेदार या करीबी भारत में रहते हों.

कराची के सोल्जर बाजार में स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के सदस्य राम नाथ ने बताया कि इसी वजह से सैंकड़ों लोगों की अस्थियां मंदिरों में रखी हुई हैं. उनके परिवारों की आशा है कि एक दिन जरूर ये अस्थियां गंगा नदी में विसर्जित कर दी जाएंगी.

श्री राम नाथ ने बताया कि इस मामले में काफी लंबे समय से पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से बातचीत चल रही थी. अब उनकी तरफ से हमें यह अच्छी खबर दी गई है. श्री राम नाथ ने आगे बताया कि, हर पाकिस्तानी हिंदू का यह हक है कि वह अपने लोगों की आखिरी इच्छा को पूरा कर पाएं. उन्होंने आगे कहा कि, भारत को भी इस बात का सम्मान करना चाहिए.

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