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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसा नाम जिसको कभी मिटाया नहीं जा सकता है। हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह की। जिनका आज जन्मदिन है। उनका जन्म आज की के दिन यानी 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ था। एक समय कल्याण सिंह की पहचान एक हिंदुत्ववादी नेता और प्रखर वक्ता की थी। बाबरी मस्जिद विवाद के वक्त कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक थे। आइए जानते है भाजपा को उत्तर प्रदेश में पहचान दिलाने वाले इस नेता की की कहानी

कभी ली थी बाबरी मस्जिद की नैतिक जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है कि, कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के दौरान सबसे बड़े चेहरों में शामिल थे। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उस वक्त उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि, ढांचा गिराए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया था। उन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार माना गया।

बता दें कि, कल्याण सिंह 1967 में पहली बार अतरौली से विधायक बने थे। वे 10 बार विधायक चुने गए थे। यही नहीं, कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री रहे थे। उल्लेखनीय बात यह है कि, कल्याण सिंह ने 1991 में अपने दम पर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी। जिसके बाद वे कल्याण सिंह यूपी में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री बने। पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह 4 सितंबर 2014 से 8 सितंबर 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल भी रहे थे।

गंभीर बीमारी की वजह से निधन
उत्तर प्रदेश की राजनीति में का ऐसा नाम जिसे कोई नहीं भूल सकता। कल्याण सिंह ने एक साल में बीजेपी को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया था की भारतीय जनता पार्टी ने 1991 में अपने दम पर सरकार बनाई थी। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के 21 अगस्त को निधन हो गया।

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