नई दिल्ली: एक बच्चा अपना पसंदीदा खिलौना ट्रेन में छोड़ गया तो रेलवे ने 20 किलोमिटर दूर उसके घर जाकर खिलौना लौटाया। ट्रेन में अक्सर सफर करने को लेकर यात्रियों को हुई मुश्किलों, चोरी, मारपीट के किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन रेलवे अपने मानवीय पहलुओं से जुड़े काम को करने में भी पीछे नहीं है। भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने 19 माह के एक बच्चे को उसका पसंदीदा खोए हुए खिलौने को वापस कर उसकी खुशियों को दोगुना कर दिया।
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को भारतीय रेलवे के 139 हेल्पलाइन नंबर के जरिए भुसीन पटनायक नाम के एक यात्री ने शिकायत दर्ज कराई थी। यात्री ने रेलवे को जानकारी दी की वह सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन (07030) के बी-2 कोच में सफर कर रहे थे। इस दौरान एक सहयात्री परिवार के बच्चे के पास एक खिलौना था और वह उससे खेल रहा था, लेकिन उतरते समय परिजन खिलौना साथ ले जाना भूल गए। उसी यात्री ने रेलवे अधिकारियों से ये अनुरोध भी किया कि क्या वे मदद कर सकते हैं! और इसे बच्चे को वापस कर सकते हैं, लेकिन पटनायक के पास अपने सहयात्रियों के पते या संपर्क करने का कोई तरीका नहीं था।
उनके अनुरोध के बाद रेलवे के अधिकारियों ने तब ट्रेन के लाइव स्थान का पता लगाया और यात्री से खिलौना लेने के लिए न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि परिवार के संपर्क विवरण का पता लगाना एक मुश्किल काम था, क्योंकि टिकट को सिकंदराबाद के आरक्षण काउंटर से खरीदा गया था। इस काम को करने के लिए एक टीम को आरक्षण की मांग के लिए भरी गई आरक्षण पर्ची की पहचान करने का काम सौंपा गया और खोजबीन के बाद पर्ची मिली, जिसके आधार पर परिवार के संपर्क किया गया।
आरक्षण चार्ट के माध्यम से पता लगाया गया कि खिलौना खोने वाले यात्रियों के नाम मोहित रजा और नसरीन बेगम हैं। परिवार पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के काजी गांव में रहता है, जोकि अलुआबारी रेलवे स्टेशन से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर हैं। इसके बाद रेलवे अधिकारियों की एक टीम बच्चे के घर पहुंची और बच्चे को खिलौना लौटाया गया। बच्चे के पिता ने इस तरह की पहल के लिए रेलवे का आभार भी जताया। बच्चे के परिवार ने अधिकारियों को बताया कि खिलौना उनके बच्चे को बहुत पसंद था, लेकिन वे इसे ट्रेन में भूल गए और ये सोच कर शिकायत दर्ज नहीं करवाई कि एक खिलौने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगा।