हिन्दी कैलंडर के अनुसार पौष मास 10वां महीना है. पंचांग के अनुसार पौष मास में सूर्य की उपासना का महत्व बताया गया है. इस माह में मकर संक्रांति का पर्व भी आता है, जिसमें गुड़-तिल का भोग लगाया जाता है. मकर संक्रांति का पुण्यकाल और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक शुभ व मंगलकारी रहेगा. संक्रांति के बारे में तो आप जानते हैं पर क्या आपको पता है कि इस महीने में एक नहीं, बल्कि तिल के महत्व से जुड़े 5 त्योहार आते हैं?
पहले संक्रांति की बात करें तो इस साल पंचांगों के मुताबिक सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की देर रात 3:10 पर होगा. कुछ पंचांगों में यह समय रात 8:30 बताया गया है. यानी कहीं 14 तो कहीं 15 जनवरी को संक्रांति मनाई जाएगीअनुसार यह पर्व 15 जनवरी को ही मनाना श्रेयस्कर है. अब आपको तिल संबंधी अन्य महत्वपूर्ण तिथियां बताते हैं.
• संकष्टी तिल गणेश चतुर्थी
इस दिन तिल के लड्डुओं का भोग लगाकर भगवान गणेश की पूजा की जाती है. कई लोग भोग के रूप में गणेश जी के सामने पिसी तिल्ली का पहाड़ बनाकर उस पर दूर्वा चढ़ाते हैं.
• षट् तिला एकादशी
इस दिन श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इसके बाद उन्हें तिल्ली और गुड़ से बनी सामग्री का भोग भी लगाते हैं. मान्यता है कि इससे श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
• तिल द्वादशी
इस दिन श्रद्धालु विष्णु और शिव की एक साथ पूजा करेंगे. इस तिथि पर किए जाने वाले हवन में तिल से आहुतियां दी जाती हैं. इससे आत्मशुद्धि होना माना जाता है.
• तिलकुंद विनायकी चतुर्थी
तिलकुंद गणेश चतुर्थी को तिल कुटिया गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है. यह 25 जनवरी को पड़ेगी. इस दिन भगवान गणेश को कुटी हुई तिल्ली का भोग लगाया जाता है. पंडितों के अनुसार पौष माह में उन्हें तिल्ली चढ़ाई जाती है.