साल 2022 में NIA की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 73 मामले किए दर्ज; 456 लोगों को किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने साल 2022 में कई बड़े अभियान चलाकर जिहादियों की कमर तोड़ दी. इस अवधि में एनआईए ने विशेष अभियानों में 456 की गिरफ्तारी के साथ, 109 खतरनाक मुजरिमों को सजा भी दिलाई है. इस एक साल के समय में एजेंसी ने देश के अलग अलग हिस्सों में दर्ज कुल 73 मुकदमें में से 35 मुकदमे तो सिर्फ और सिर्फ जिहादी आतंकवाद से ही जुड़े पाए.

हालांकि यह संख्या साल 2021 में 61 थी, जो इस बार (साल 2022 में) बढ़कर 73 सामने आई है. दर्ज मुकदमों की यह संख्या 2021 की तुलना में 2022 में 19.67 अधिक रही. मतलब एनआईए द्वारा बीते कई साल में एक वर्ष के भीतर दर्ज मुकदमों की यह संख्या (साल 2022 में 73) सर्वाधिक कही जा सकती है.

एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार जिहादी आतंकवाद के खिलाफ जो 35 मुकदमे देश में अलग अलग दर्ज किए गए. वो कुल 12 राज्यों में दर्ज हुए थे. बात अगर साल 2022 में ऐसे कुल दर्ज मुकदमों की करें तो यह मुकदमे देश के जम्मू कश्मीर, आसाम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य में दर्ज हुए. जम्मू कश्मीर में 11 मुकदमे, वामपंथी उग्रवाद के 10 मुकदमे, पूर्वोत्तर के 5 मुकदमे, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से संबंधित 7 मुकदमे, पंजाब के 4 मुकदमे, गैंगस्टर, आतंकवादी, ड्रग तस्कर सांठगांठ के 3 मुकदमे, टेरर फंडिंग का 1 मुकदमा और जाली नोट से जुड़े 2 मामले शामिल हैं.

बात अगर एनआईए से हासिल 2022 के आंकड़ों की करें तो उनके मुताबिक, इस एक वर्ष की अवधि में कुल 456 लोगों को एजेंसी ने देश के अलग-अलग हिस्सों से, तमाम मुकदमों में गिरफ्तार किया था. एनआईए से हासिल आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में 368 मुलजिमो के खिलाफ एजेंसी ने 59 चार्जशीट देश की विभिन्न अदालतों में दाखिल कीं. जबकि इस साल जो 456 लोग गिरफ्तार हुए उनमें 19 ऐसे मोस्ट वॉन्टिंड अपराधी भी शामिल हैं, जो लंबे समय से फरार चल रहे थे. इन 19 में 1 अपराधी को एक्स्ट्राडीसन प्रक्रिया के तहत पकड़ा जा सका. जबकि दो अन्य को डिपोर्ट प्रक्रिया के तहत पकड़ा.

बात जहां तक एजेंसी द्वारा अपने मुकदमों में मुजरिमों को कोर्ट से कराई गई सजा की करें तो, साल 2022 में 38 मामलों में कोर्ट ने फैसले सुनाए थे. इन सभी में मुजरिमों को सजा भी हुई. कुल 109 मुजरिमों को कोर्ट से सजा मुकर्रर की गई. इनमें से 6 मुजरमों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा मुकर्रर की थी. जोकि साल में कुल सजा का 94.39 फीसदी का रिकॉर्ड अनुपात रहा. जबकि 8 मुलजिमों के खिलाफ एजेंसी ने साल 2022 में यूएपीए के तहत उन्हें, आतंकवादी घोषित करवाने मे सफलता हासिल की.

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