PM मोदी ने दुनिया का सबसे लंबे गंगा विलास क्रूज को दिखाई हरी झंडी, 3200 किमी की यात्रा करेगा तय

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नई दिल्ली: वाराणसी के रविदास घाट से गंगा विलास क्रूज असम के डिब्रूगढ़ जाने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। ये भारत की पहली स्वदेशी क्रूज होगी, जो लगभग 3200 किलोमीटर की नदी यात्रा को तय करेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल और उत्तर प्रदेश और बिहार की सामुदायिक जेटी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने गुवाहाटी में पांडु टर्मिनल में एक जहाज मरम्मत सुविधा और एक एलिवेटेड रोड का लोकार्पण किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘एमवी गंगा विलास’ क्रूज सेवा से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। बता दें कि 51 दिन की यात्रा में क्रूज 50 जगहों से होकर गुजरेगा, जिसमें पर्यटकों को न सिर्फ गंगा के किनारे दिखेंगे, बल्कि यहां की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।

मंगलवार को 31 स्विस मेहमानों का एक जत्था वाराणसी पहुंचा और गंगा विलास क्रूज पर सवार हुआ। स्विस और जर्मन मेहमान देश के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास क्रूज पर सवार हुए। भारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी नदी क्रूज यात्रा आज वाराणसी से रवाना होगी। यह क्रूज 51 दिनों बाद बांग्लादेश केी राजधानी ढाका होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।

यह यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी। 51 दिनों की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा विश्व धरोहर से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर रुकेगी। यह सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित जलयान राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से भी गुजरेगा।

बताते चलें कि गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी है। 40 क्रू मेंबर भी क्रूज में सवार लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रहेंगे। गंगा विलास क्रूज में 31 यात्रियों को फाइव स्टार होटल से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। इस जहाज को विशेष रूप से वाराणसी और गंगा बेल्ट के धार्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ डिजाइन किया गया है।

क्रूज उच्च तकनीक सुरक्षा, सीसीटीवी निगरानी और पूर्ण लक्जरी सुविधाओं से भी सुसज्जित है। यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की सुविधाएं होंगी। जर्मनी के पर्यटक सिल्विया ने कहा कि वाराणसी से नदी की सवारी के माध्यम से यह एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है और गंगा नदी की यात्रा के लिए वह उत्साहित हैं।

क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा। यानी एक आदमी अगर 51 दिन का सफर करता है तो उसे 25 लाख रुपये देने होंगे। यह वाराणसी से कोलकाता तक एक तरफ की सवारी या वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की यात्रा कराएगा। पर्यटक इस क्रूज को वेबसाइट के माध्यम से बुक कर सकते हैं लेकिन शुरुआत में मांग बहुत अधिक है, और जहाज एक वर्ष में पांच यात्राएं करेगा।

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