अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं. अक्टूबर 2023 तक पहले तल का निर्माण पूरा हो जाएगा. निर्माण की देखरेख करने वाली कमेटी ने आजतक की टीम से पूरी डिटेल बताई. आइए जानते हैं कि राम मंदिर निर्माण कहां तक पहुंचा?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी पत्रकारों से साझा की. राम मंदिर का निर्माण करीब 50 फीसदी पूरा हो गया है. 1992 से तराशे जा रहे पत्थरों का 10 फीट ऊंचा पिलर चारों तरफ खड़ा हो गया है. अब गर्भगृह के चबूतरे का काम शुरू हो गया है. इसके साथ ही पिलर को और 10 फीट ऊंचा किया जा रहा है, फिर छत डाली जाएगी.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह के आसपास की दीवारें तैयार हो गई हैं, मंदिर की भाषा में इन दीवारों को मंडोवर कहा गया है, यह दीवार भी पत्थरों की ऊंचाई के साथ चल रही हैं, गर्भगृह के चारों ओर की दीवार के बाद परिक्रमा मार्ग भी बराबर-बराबर ही ऊंचाई पर ले जाया जा रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह में सफेद पत्थर लगा हुआ है, वो मकराना का मार्बल है… गर्भगृह की दीवार भी मार्बल की होंगी, खंभे भी मार्बल के होंगे और फर्श भी मार्बल का होगा, गर्भगृह को छोड़कर पांच मंडप और होंगे, तीन मंडप प्रवेश द्वार से गर्भगृह की ओर और दो मंडप अगल-बगल होंगे, ये दोनों कीर्तन मंडप होंगे.
चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है, हमारे कारीगर दिनरात काम कर रहे हैं, अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का पहला फेज पूरा हो जाएगा, एक से 14 जनवरी 2024 के बीच कभी भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है, भगवान राम की मूर्ति के लिए पत्थरों का चुनाव जारी है, मंदिर निर्माण में मकराना के पत्थर का उपयोग हो रहा है.