वॉशिंगटन: अमेरिकी नौसेना ने गल्फ ऑफ ओमान में हथियारों से भरी एक नाव का पता लगाया है। उन्होंने इस नाव को पकड़ा था, जिसका इस्तेमाल मछली पकड़ने के लिए होता है। जानकारी के मुताबिक इस नाव में 2,116 AK-47 राइफल थीं। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान में बताया कि यह हथियार अंतर्राष्ट्रीय जल के जरिए ईरान से यमन में पहुंचाए जा रहे थे। अमेरिका के गश्ती जहाज USS चिनूक की एक बोर्डिंग टीम ने यमनी नागरिकों की ओर से बनाए गए एक फिशिंग बोट का पता लगाया था।
गश्ती जहाज USS मॉनसून और विध्वंसक USS सुलिवान इस नाव की खोज में मदद के लिए तुरंत पहुंचे। जब नाव की खोज की गई तो इस जहाज पर 2,116 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल मिलीं। इसे ही आम भाषा में AK-47 कहा जाता है। अमेरिका की 5वीं फ्लीट ने इस जहाज को पकड़ा था। जानकारी के मुताबिक हथियारों पर मेड इन रशिया और AKS20U लिखा था। इस बंदूक में बदलाव किया गया था, जिससे इसके चेंबर में एडवांस AK-74 की गोली लग सकती है।
हूती विद्रोहियों को हथियार दे रहा था ईरान
पोत एक व्यापारिक मार्ग पर था, जिसका उपयोग आम तौर पर यमन के हूती विद्रोही गुट हथियारों की तस्करी के लिए करते हैं। हूती विद्रोहियों को ईरान हथियार मुहैया कराता रहा है। नाव पर छह यमनी नागरिक थे। हूती विद्रोहियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हथियार देना, या उसकी बिक्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2216 और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। 5वीं फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने कहा, ‘यह शिपमेंट ईरान की ओर से अस्थिर करने वाली गतिविधियों के पैटर्न का एक हिस्सा है।’
पहले भी मिल चुके हैं हथियार
उन्होंने आगे कहा, ‘इस तरह के खतरों पर हमारा ध्यान है। हम हर समुद्री गतिविधि का पता लगाने के लिए तैनात रहते हैं, जो नेवीगेशन की स्वतंत्रता को बाधित करता है।’ पिछले दो महीने में अमेरिकी नौसेना की 5वीं फ्लीट ने ही इसी इलाके में हथियारों से भरी दो अन्य नाव को पकड़ा था। USS लुईस बी. पुलर ने 1 दिसंबर को एक जहाज से 50 टन से ज्यादा का गोला-बारूद और रॉकेट फ्यूल जब्त किए थे। 8 नवंबर को अमेरिकी तट रक्षक USCGC जॉन शेउरमैन ने 70 टन रॉकेट फ्यूल, 100 टन यूरिया पकड़ा था।